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श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव

श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव

By Edited By: Published: Fri, 10 Aug 2012 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2012 11:25 AM (IST)
श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन शुक्त्रवार को श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव रहेगा।

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मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एड. के अनुसार, दस अगस्त को मंगला प्रात: छह बजे से 6.15 बजे तक, पंचामृत स्नान साढ़े छह बजे, श्रृंगार के दर्शन करीब नौ बजे और इसके बाद ग्वाल और राजभोग। उत्थापन संध्या साढ़े सात बजे, जन्म के दर्शन 11.45 बजे होंगे। शनिवार को नंद महोत्सव के दर्शन प्रात: दस बजे से होंगे। इसके बाद सेवा शुरू हो जायेगी।

गौरतलब है यहां मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां करीब तीन माह से जारी है। पूरे मंदिर परिसर को पेंट आदि कराकर सजाया-संवारा जा रहा है।

उत्सव के रंग में गोकुल और महावन-

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में गोकुल महावन के मन्दिरों में तैयारियों का दौर जारी है। ब्रज के तारनहार के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिये पूरे देश से यहां आने वाले भक्तजनों के आगमन का सिलसिला लगातार बना हुआ है। इससे इन दिनों ब्रजभूमि गुलजार नजर आ रही है। जन्माष्टमी के अवसर पर गोकुल और महावन स्थित नन्द महलों के साथ-साथ श्रीकृष्ण की क्त्रीड़ास्थली रमण रेती आश्रम में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। जन्माष्टमी के मौके पर नन्दभवन चौरासी खंभा पर हर वर्ष की तरह इस बार भी विशेष रूप से कान्हा का जन्मोत्सव मनाने की योजना है।

जन्म के बाद होगा पंच पदो से श्रीकृष्ण का अभिषेक-

श्री धाम रमणरेती, नन्दभवन चौरासी रवम्भा तथा नन्दकिला गोकुल सहित गोकुल, महावन के दर्जनों मन्दिरों में श्रीकृष्ण के जन्म के पश्चात उनके विग्रह का अभिषेक किया जायेगा। सर्वप्रथम गाय के दुग्ध से अभिषेक करने के पश्चात बूरा, गाय के दूध से तैयार घी तथा शहद से अभिषेक होगा। और फिर गंगाजल व यमुना जल से स्नान कराकर वस्त्र आभूषण पहनाये जायेंगे। इसके बाद श्रीकृष्ण की आरती उतारकर अभिषेक से प्राप्त हुये पंचामृत रूपी प्रसाद को भक्तों में वितरित किया जायेगा।

11 अगस्त को रहेगी गोकुल व महावन में नन्दोत्सव की धूम-

कान्हा के जन्म के पश्चात नन्दबाबा के घर बधाइयों का तांता लगना शुरू होगा। बालगोपाल के जन्म की खुशी में मनाये जाने वाले इस महोत्सव को नन्दोत्सव के नाम से जाना जाता है। सुबह आठ बजे नन्द किले से पालकी में सवार होकर श्रीकृष्ण ग्वालवालों और शहनाइयों के साथ नन्दचौक स्थित रास चबूतरे पर पहुंचेंगे। वहां धूमधाम से नाच-गायन करते हुए श्रीकृष्ण की माटी में अपने आप को डुबोकर अनूठे आनंद का लाभ लेंगे। इस मौके पर श्री गुरु शरणानन्द जी महाराज द्वार फल, वस्त्र, खिलौने आदि भक्तों को प्रसाद रूप में लुटाये जाते हैं। जन्मोत्सव का आकाशवाणी से सीधा प्रसारण-

इस साल भी आकाशवाणी के मथुरा-वृंदावन केंद्र द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण किया जायेगा। यह प्रसारण श्रीकृष्ण जन्मभूमि और मंदिर द्वारिकाधीश से किया जायेगा। प्रसारण 11.10 बजे से सवा बारह बजे तक जारी रहेगा। यह जानकारी कार्यक्त्रम अधिशासी एवं कार्यक्त्रम प्रमुख यतींद्र कुमार चतुर्वेदी ने दी है।

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