जूना ने 10 साधकों को दी महामंडलेश्वर की पदवी
जूना अखाड़े ने शुक्रवार को भव्य वैदिक समारोह में दस संतों को एक साथ महामंडलेश्वर की पदवी दी। इनमें पांच महिला संत हैं। एक साध्वी शिवांगनीनंद गिरि की आयु मात्र 30 वर्ष की है। उनका भी पायलट बाबा के शिविर में पट्टाभिषेक हुआ है।
कुंभ नगर। जूना अखाड़े ने शुक्रवार को भव्य वैदिक समारोह में दस संतों को एक साथ महामंडलेश्वर की पदवी दी। इनमें पांच महिला संत हैं। एक साध्वी शिवांगनीनंद गिरि की आयु मात्र 30 वर्ष की है। उनका भी पायलट बाबा के शिविर में पट्टाभिषेक हुआ है। इन सभी महामंडलेश्वरों को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पवित्र जल एवं मंत्र देकर दीक्षित किया।
कुंभ पर्व में विभिन्न अखाड़ों में अब तक एक-एक करके साधकों और संतों का पट्टाभिषेक हुआ है। जूना अखाड़ें ने एक साथ दस साधकों और साध्वियों का पट्टाभिषेक किया। सेक्टर नौ में प्रभु प्रेम संघ शिविर में जूना अखाड़े के सभी पदाधिकारी एवं महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में नए महामंडलेश्वर बनाए गए। जूना पीठाधीश्र्र्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के मुख्य शिविर में सबसे पहले स्वामी, अपूर्वानंद गिरि, स्वामी रवि गिरि, साध्वी किरण गिरि, स्वामी राम भारती, स्वामी वीर पूरी का मुडंन संस्कार किया गया। पायलट बाबा के शिविर में साध्वी आनंद लीला गिरि, साध्वी जयश्री गिरि, साध्वी कविता गिरि, साध्वी शिवांगनीनंद गिरि एवं स्वामी कुशलानंद गिरि के सिर के बाल साफ किए गए। सभी साध्वियों का भी मुंडन हुआ। स्नान आदि के बाद सभी अपने गुरुओं के साथ प्रभु प्रेम संघ शिविर के पंडाल स्थित मंच पर पहुंचे। यहां सरस्वती वंदना के साथ पट्टाभिषेक कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने दस साधकों के सिर पर पवित्र जल डालकर उनको शुद्ध किया। फिर सबको चंदन लगाया और चादर ओढ़ाई। इसके बाद अखाड़े के सभापति महंत उमाशंकर भारती, सचिव महंत हरि गिरि, महंत प्रेम गिरि, महंत विद्यानंद सरस्वती, महंत केदार गिरि आदि ने चंदन लगाकर चादर ओढ़ाई। फिर वहां उपस्थित दो दर्जन से अधिक महामंडलेश्र्र्वरों ने अपना आशीर्वाद दिया। इसके बाद भंडारा हुआ। फिर अखाड़े के पदाधकारियों के साथ सभी जूना अखाड़े आए जहां धर्मध्वजा और इष्टदेव का पूजन करके सबने पुकार लगाई।
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