परंपरा तोड़ कान्हा संग विधवाएं खेलेंगी होली
बांकेबिहारी के धाम में इस बार होली पर सैकड़ों साल पुरानी परंपरा की दीवार गिराकर एक नई शुरुआत होने जा रही है। यहां आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा महिलाएं अपने प्रिय कन्हाई के साथ होली खेलेंगी। आशा है नई परंपरा उनके जीवन में नई ऊर्जा भरेगी।
वृंदावन। बांकेबिहारी के धाम में इस बार होली पर सैकड़ों साल पुरानी परंपरा की दीवार गिराकर एक नई शुरुआत होने जा रही है। यहां आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा महिलाएं अपने प्रिय कन्हाई के साथ होली खेलेंगी। आशा है नई परंपरा उनके जीवन में नई ऊर्जा भरेगी।
श्रीधाम वृंदावन में वर्तमान में करीब 800 विधवा महिलाएं हैं। इनमें तमाम वे महिलाएं हैं जिनके परिवार ने उन्हें त्याग दिया है और वे वर्षो तक यहां के मंदिरों में जैसे-तैसे रही हैं। ऐसे में उन्हें सुखद अनुभूति कराने के लिए सुलभ इंटरनेशनल ने नई पहल की ओर कदम बढ़ाया है। संगठन की ओर से 24 मार्च को चैतन्य विहार स्थित मीरा सहभागिनी आश्रय सदन में फूलों की होली का आयोजन किया जाएगा। इसमें परंपरागत रूप से पहले रासलीला समारोह होगा। इसमें सभी विधवा महिलाएं बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगी। वहीं वे कान्हा पर रंग-बिरंगे फूल बरसाकर उन्हें होली रस से सराबोर करेंगी। सुलभ इंटरनेशनल के पदाधिकारी मदन झा ने बताया कि विधवाओं के जीवन में होने जा रहे इस बदलाव के लिए रासलीला की व्यापक तैयारी की जा रही हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुलभ इंटरनेशनल संस्था आश्रय सदनों की विधवा-वृद्धाओं को बेहतर जिंदगी देने के लिए सुविधाएं देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। ये विधवाएं मंदिरों में जाकर भीख न मांगें, इसके लिए संस्था की ओर से दो हजार रुपये प्रति माह दिए जाते हैं।
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