विज्ञान और आस्था
विज्ञान का आधुनिक चेहरा जिन लोगों के बगैर पहचाना नहीं जा सकता, उनमें एक अत्यंत महत्वपूर्ण नाम मैक्स प्लांक का है। वैसे तो आधुनिक भौतिकी को बहुत कुछ दिया, पर उनकी सबसे महत्वपूर्ण देन है क्वांटम सिद्धांत। परमाणु और उप-परमाणु जगत के प्रति हमारी समझ के विकास में इस सिद्धांत का क्रांतिकारी योगदान है।
विज्ञान का आधुनिक चेहरा जिन लोगों के बगैर पहचाना नहीं जा सकता, उनमें एक अत्यंत महत्वपूर्ण नाम मैक्स प्लांक का है। वैसे तो आधुनिक भौतिकी को बहुत कुछ दिया, पर उनकी सबसे महत्वपूर्ण देन है क्वांटम सिद्धांत। परमाणु और उप-परमाणु जगत के प्रति हमारी समझ के विकास में इस सिद्धांत का क्रांतिकारी योगदान है। साथ ही, ईश्वर की सत्ता के प्रति भी प्लांक उतने ही आस्थावान और उदारचेता थे।
मूलत: ईसाई धर्म के अनुयायी जर्मन वैज्ञानिक प्लांक ने वर्ष 1937 में एक व्याख्यान दिया था। धर्म और प्राकृतिक शक्तियां विषय पर दिए गए इस व्याख्यान में उन्होंने वैज्ञानिक तर्र्को से यह साबित करने की कोशिश की थी कि ईश्वर हर जगह उपस्थित है। सर्वव्याप्त होने के बावजूद हमारे हर तरह के बोध से परे मौजूद उस सत्ता की पवित्रता का आभास प्रतीकों की पवित्रता के माध्यम से ही किया जा सकता है। प्लांक अपने धर्म के समर्पित साधक होने के बावजूद दूसरे धर्मो की मान्यताओं के प्रति भी उदारचेता थे। वे 1920 में चर्च के वार्डन बने और 1947 तक यहां सेवा करते रहे। उनके मुताबिक धर्म और विज्ञान दोनों ही संशयवाद, हठधर्मिता, अनास्था और अंधविश्वास के विरुद्ध अंतहीन युद्ध में लगे हुए हैं और यही वह मार्ग है जो परमात्मा की ओर जाता है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर