गंगा के अमृतत्व को बचाने की छिड़ेगी लड़ाई
मां को गंगा प्रदूषण मुक्त करने व शासन को जगाने के लिए संत एवं समाजसेवी संगठन सामूहिक अभियान छेड़ने जा रहे हैं।
इलाहाबाद। मां को गंगा प्रदूषण मुक्त करने व शासन को जगाने के लिए संत एवं समाजसेवी संगठन सामूहिक अभियान छेड़ने जा रहे हैं। इसकी तिथि की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी, इसके बाद एक साथ कई हिस्सों में गंगा जल का अमृत तत्व बचाने के लिए पुरजोर तरीके से आवाज बुलंद की जाएगी। यह प्रयास कुछ माह बाद प्रयाग में लगने वाले महाकुंभ को लेकर किया जा रहा है। इसको लेकर बीते दिनों कैवल्यधाम में संतों व समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों की सामूहिक बैठक भी हुई थी। इसमें गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए मिलकर आवाज उठाने पर सहमति बनी थी। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, संत, महात्मा, समाजसेवी, कानूनविद्, पर्यावरणविद् शामिल होंगे। हर कोई अपने-अपने क्षेत्र में गंगा को लेकर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करेगा। अभियान का नेतृत्व करने वाले टीकरमाफी आश्रम के महंत स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी का कहना है कि गंगा की लड़ाई को अब आम जनमानस के बीच ले जाया जाएगा। इसकी तिथि की जल्द की घोषणा की जाएगी। उनका कहना है कि कुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु यहां पुण्य अर्जित करने आएंगे। गंगा जल के प्रदूषित होने से लोगों की आस्था पर ठेस पहुंचेगी। मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए अविरल और निर्मल गंगा होना आवश्यक है। पहले सामूहिक फिर हर संस्था से प्रतिदिन गंगा की अविरलता के लिए लड़ाई लड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर शहर में चलेगा अभियान कुरुक्षेत्र पीठाधीश्र्र्वर स्वामी महेशाश्रम का कहना है कि अविरल-निर्मल गंगा हमारा संकल्प है, इसे पूरा किए बिना कुंभ का कोई औचित्य नहीं है। प्रयाग के साथ हर शहर में एक साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके माध्यम से गंगा को लेकर अधिक से अधिक जन भागीदारी बढ़ाई जाएगी। गंगा आंदोलन में आम जनमानस को शामिल करने से प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा साथ ही आंदोलनरत लोगों में भी जागरुकता आएगी, इससे वह गंगा को प्रदूषित करने से बचेंगे, क्योंकि गंगा उन्हीं के द्वारा मैली की जाती हैं।
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