सुरक्षा का चक्रव्यूह
मौनी अमावस्या पर सुरक्षित स्नान को लेकर बनाया गया चक्रव्यूह साकार हुआ। इस फूलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था के तहत रविवार को साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। प्रमुख स्नान पर्व के दौरान संगमनगरी को हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया था।
कुंभनगर। मौनी अमावस्या पर सुरक्षित स्नान को लेकर बनाया गया चक्रव्यूह साकार हुआ। इस फूलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था के तहत रविवार को साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। प्रमुख स्नान पर्व के दौरान संगमनगरी को हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया था। जगह-जगह पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात थे। शहर को त्रिस्तरीय और मेला क्षेत्र को सात स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया था। जगह-जगह बने चेकिंग प्वाइंट पर श्रद्धालुओं की तलाशी ली जा रही थी। हवाई सर्वेक्षण के जरिए डीएम और एसएसपी दिनभर जिले की स्थिति का जायजा लेते रहे।
मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर 60 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स, 60 कंपनी पीएसी और तकरीबन 30 हजार पुलिस कर्मी लगाए गए थे। आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ की भी दो कंपनियां लगाई गई थीं। एटीएस, एसटीएफ और एसओजी के जवानों के साथ गुप्तचर एजेंसियां भी पल-पल की जानकारी से मुख्यालय को अवगत कराती रहीं। जिले की सीमा से लेकर मेला क्षेत्र तक सात स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था। पहला चेकिंग प्वाइंट जिले की सीमा पर बनाया गया था, जबकि तीन स्तर पर शहर में और तीन स्तर पर मेला क्षेत्र में चेकिंग की जा रही थी।
संदिग्धों पर निगरानी के लिए 65 वॉच टॉवर मेला क्षेत्र में और इतने ही जिले में बनाए गए थे। जिलाधिकारी राजेशखर और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित अग्रवाल ने हेलीकॉप्टर से सुरक्षा व्यवस्था और हालात का जायजा लिया।
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