गंगा तट पर गूंजेगा महामंत्र
अस्सी घाट का गंगा तट अप्रैल में तीन दिनों तक गायत्री महामंत्र से गुंजायमान रहेगा। इस दौरान दो दर्जन से अधिक हवन कुंडों में आहुतियां दी जाएंगी। धर्म संगोष्ठी में वर्तमान परिवेश व अध्यात्म के स्वरूप पर विशद चर्चा होगी, जिसमें विभिन्न प्रांतों के साथ ही विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।
वाराणसी। अस्सी घाट का गंगा तट अप्रैल में तीन दिनों तक गायत्री महामंत्र से गुंजायमान रहेगा। इस दौरान दो दर्जन से अधिक हवन कुंडों में आहुतियां दी जाएंगी। धर्म संगोष्ठी में वर्तमान परिवेश व अध्यात्म के स्वरूप पर विशद चर्चा होगी, जिसमें विभिन्न प्रांतों के साथ ही विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।
गायत्री तपोभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट (तडस -कर्नाटक) ने आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी है। पीठाधीश्वर वल्लभ चैतन्य स्वामी के सानिध्य में रविवार को भेलूपुर स्थित एक होटल में हुई बैठक में महायज्ञ व संगोष्ठी के आयोजन के बाबत चल रही तैयारियों की समीक्षा की गई। यह तय किया गया कि पांच अप्रैल की शाम 6.30 बजे अनुष्ठान के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। छह अप्रैल को प्रात: 8 बजे ध्वजारोहण, कलश स्थापन, देवता स्थापन के उपरांत यज्ञ का शुभारंभ होगा। दोपहर 12.30 बजे महाआरती होगी और अपराह्न 4 बजे दुर्गाकुंड मंदिर से अस्सी तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसका नेतृत्व उडुपी कृष्णा मठ पेजावर के पीठाधीश्वर विश्वेश्वर तीर्थ स्वामी करेंगे।
सायंकाल संत-महात्माओं के प्रवचन होंगे। सात अप्रैल को प्रात: यज्ञ के उपरांत कुमारी और दंपति पूजन किया जाएगा। दोपहर में महाआरती के साथ पूर्णाहुति और विद्वत सम्मान किया जाएगा। गौरतलब है कि वल्लभ चैतन्य स्वामी ने 38 वर्ष पहले गायत्री मंत्र जप का आरंभ किया था।
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