Move to Jagran APP

अखाड़ों के 327 महा मंडलेश्वरों का मामला गरमाया

मेला प्रशासन के अधिकारियों और संतों के बीच रविवार की रात चली दो घंटे की बैठक निरर्थक साबित हुई। महामंडलेश्वरों के लिए एकसाथ प्लाट देने की बात पर मेला प्रशासन अंत तक फैसला नहीं ले पाया। आखिरकार चौबीस घंटे की संतों से मोहलत की बात कहकर प्रशासनिक अधिकारी बैठक से उठ गए।

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2012 03:06 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2012 03:06 PM (IST)
अखाड़ों के 327 महा मंडलेश्वरों का मामला गरमाया

इलाहाबाद। मेला प्रशासन के अधिकारियों और संतों के बीच रविवार की रात चली दो घंटे की बैठक निरर्थक साबित हुई। महामंडलेश्वरों के लिए एकसाथ प्लाट देने की बात पर मेला प्रशासन अंत तक फैसला नहीं ले पाया। आखिरकार चौबीस घंटे की संतों से मोहलत की बात कहकर प्रशासनिक अधिकारी बैठक से उठ गए।

loksabha election banner

पहले से तीन गुना से भी अधिक महामंडलेश्वरों की 327 संख्या ने मेला की व्यवस्था को गड़बड़ा कर रख दिया है। बैठक के दौरान अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने साफ शब्दों में अपनी बात रखी। संतों का कहना था कि उनके महामंडलेश्वरों के लिए पर्याप्त जमीन देना ही होगा। वह भी सारे महामंडलेश्वरों को एक ही जगह बसाया जाए। एक महामंडलेश्वर के लिए दस हजार गज जमीन दी जाए। इस पर मेला अधिकारियों ने मजबूरी जतायी और बताया कि अर्धकुंभ में 35 बीघे जमीन महामंडलेश्वरों को दी गई थी और इस बार भी इतनी ही भूमि दे पाने की स्थिति है। इस पर एकसाथ सारे अखाड़ों के प्रतिनिधि आक्त्रोशित हो उठे। संतों का उग्र रूप देख मेला अधिकारी सोच में पड़ गए। प्रशासन ने कुछ विकल्पों का सुझाव दिया तो संत उस पर भी उखड़ गए। मेला अधिकारियों का कहना था कि एकसाथ सभी महामंडलेश्वरों को जमीन देना तभी संभव हो सकता है, जब मेला क्षेत्र में कहीं दूर महामंडलेश्वरों को बसाया जाए। संत किसी भी विकल्प पर तैयार न थे। सेक्टर चार के बगल महामंडलेश्वरों को जमीन आवंटित करने की बात पर अड़े रहे। आखिरकार मेला अधिकारियों ने सोमवार तक के लिए मोहलत मांग संतों को शांत किया। बैठक के दौरान अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत विद्यानंद सरस्तवती, अखाड़ा परिषद के प्रबंधक दुर्गादास, माधवदास, दुर्गादास, नरेन्द्र गिरि, विद्यानंद तथा हरिगिरी महाराज मौजूद थे।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.