धौनी की कप्तानी हो गई है निष्क्रिय
लगातार तीसरे मैच में समर्पण करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की आस्ट्रेलियाई मीडिया ने मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उसने सितारों से सजी भारतीय बल्लेबाजी क्रम को अनुपयोगी मलवा और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को निष्क्रिय कप्तान करार दिया है। भारत पहले दोनों मैच चौथे दिन गंवाने के बाद तीसरा मैच ढाई दिन के अंदर पारी और 37 रन से हार गया।
पर्थ। लगातार तीसरे मैच में समर्पण करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की आस्ट्रेलियाई मीडिया ने मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उसने सितारों से सजी भारतीय बल्लेबाजी क्रम को अनुपयोगी मलवा और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को निष्क्रिय कप्तान करार दिया है। भारत पहले दोनों मैच चौथे दिन गंवाने के बाद तीसरा मैच ढाई दिन के अंदर पारी और 37 रन से हार गया।
आस्ट्रेलिया ने इस तरह से चार मैच की सीरीज में 3-0 से अजेय बढ़त ले ली और बल्लेबाजों के लगातार खराब प्रदर्शन और कप्तान धौनी के रीढ़ विहीन प्रदर्शन से टीम पर क्लीन स्वीप का खतरा मंडरा रहा है। द आस्ट्रेलियन ने कबाड़ बन गई है भारत की ताकत शीर्षक से लिखा है, जो टीम आठ महीने पहले दुनिया की नंबर एक टीम थी उसमें धौनी ही एकमात्र कमजोर कड़ी नहीं हैं। कभी आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए मुसीबत रहे वीवीएस लक्ष्मण ने 2, 1, 2, 66, 31 और शून्य के स्कोर बनाकर खुद को आलोचकों के निशाने पर रखा है। अखबार आगे लिखता है, वीरेंद्र सहवाग ने वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाकर इस सीरीज की तैयारी की थी लेकिन वह भी मेलबर्न में 67 रन की तेजतर्रार पारी खेलने के बाद 7, 30, 4, शून्य और 10 के स्कोर बनाकर तेजी से नीचे लुढ़क रहा है। समाचार पत्र आगे लिखता है, इनमें से भी सबसे बुरा धौनी का बल्ले से पूरी तरह असफल होना रहा। भारतीय कप्तान के लिए यह अच्छा समय नहीं चल रहा है और ना ही कोच डंकन फ्लेचर के लिए जो समस्या का हिस्सा हो सकते हैं। धौनी अपने बल्लेबाजों से अच्छे प्रदर्शन के लिए कैसे कह सकता है जबकि उन्होंने स्वयं 6, 23, नाबाद 57, 2, 12 और 2 के स्कोर बनाए हैं। पिछले तीन टेस्ट मैच में भारत की तरफ से किसी बल्लेबाज ने शतक नहीं लगाया।
धौनी को आस्ट्रेलियाई दौरे पर आने वाला सबसे निष्क्रिय कप्तान बताया गया है। एक ऐसा कप्तान जो अपनी टीम को प्रेरित नहीं कर सकता है। द आस्ट्रेलियन ने ही लिखा है, एंड्रयू फ्लिंटाफ के बाद आस्ट्रेलियाई दौरे पर आने वाले कप्तानों में धौनी सबसे अधिक निष्क्रिय कप्तान हैं। संयोग से 2006-07 की फ्लिंटाफ की टीम के कोच भी फ्लेचर ही थे। धौनी मैचों को हाथ से निकलने देते हैं और जब वह कुछ कार्रवाई करते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आखिर उन्होंने अपने सबसे तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को गेंद सौंपने से पहले वार्नर और कोवान को 88 रन बनाने का मौका क्यों दिया। अखबार ने लिखा है, रेयान हैरिस ने जब राहुल द्रविड़ को बोल्ड किया तो क्लार्क ने फाइन लेग से दौड़कर उनकी पीठ थपथपाई लेकिन जब उमेश यादव ने अपना पांचवां विकेट लिया तो उससे उसके कुछ साथियों ने औपचारिकता से हाथ मिलाया। डेली टेलीग्राफ ने लिखा है भारत का प्रदर्शन इतना बुरा रहा कि माइकल क्लार्क से संवाददाता सम्मेलन में पहला सवाल ही यह कर दिया गया कि, क्या उन्हें लगता है कि वे बांग्लादेश से खेल रहे हैं।
समाचार पत्र ने तीसरे टेस्ट मैच में धीमी ओवर गति के कारण धौनी पर लगाए गए एक मैच के प्रतिबंध पर भी मजा लिया है। अखबार ने लिखा है, भारत का यह शर्मनाक आस्ट्रेलियाई दौरा तब और गर्त में डूब गया जब कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को धीमी ओवर गति के लिए अंतिम टेस्ट मैच से प्रतिबंधित कर दिया गया। उसने लिखा है, इस फैसले से भारत में कोहराम मच गया। अब बेहद खराब फार्म में चल रहे वीरेंद्र सहवाग नए कप्तान होंगे जबकि कम चर्चित रिद्धिमान साहा जिसने केवल एक टेस्ट मैच खेला, शायद विकेटकीपर की जिम्मेदारी निभाएंगे। इससे भारत संकट में पड़ गया है क्योंकि सीरीज में केवल 19 की औसत से रन बनाने वाले सहवाग अपने बेपरवाह रवैये के कारण निशाने पर हैं। वह अपनी समस्या तो सुलझा नहीं पा रहे हैं फिर ऐसे में यह समझ से परे है कि वह पूरी तरह से टूट चुकी टीम का मनोबल कैसे बढ़ाएंगे। हेरल्ड सन ने लिखा है कि पिछले साल एशेज में शर्मनाक हार के बाद आस्ट्रेलिया एक टीम के रूप में तैयार हुआ है। इसके अलावा अखबार ने भारतीय खिलाडि़यों का अभ्यास सत्र में भाग नहीं लेने का भी मजाक उड़ाया है। सिडनी मार्निंग हेरल्ड ने टीम को नई दिशा देने के लिए आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क की तारीफ की है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर