बल्लेबाजों के भरोसे राजस्थान और हरियाणा
गत चैंपियन राजस्थान और लगभग 20 साल बाद अंतिम चार में पहुंचने वाला हरियाणा मंगलवार को यहां जब रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगे तो दोनों टीमों का दारोमदार अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर टिका रहेगा जिन्होंने अभी तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है।
रोहतक। गत चैंपियन राजस्थान और लगभग 20 साल बाद अंतिम चार में पहुंचने वाला हरियाणा मंगलवार को यहां जब रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगे तो दोनों टीमों का दारोमदार अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर टिका रहेगा जिन्होंने अभी तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है।
राजस्थान अपने पिछले साल के करिश्माई प्रदर्शन को दोहराने के लिए बेताब है जब वह प्लेट ग्रुप में होने के बावजूद चैंपियन बना था जबकि हरियाणा 1991 के बाद पहली बार चैंपियन बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। ऐसे में रोहतक से कुछ किलोमीटर दूर लाहली के बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम में होने वाला यह मुकाबला काफी रोमांचक होने की संभावना है। रणजी ट्राफी के प्रारूप को देखते हुए दोनों ही टीमें समझती हैं कि उनके लिए पहली पारी की बढ़त कितने मायने रखेगी और ऐसे में दोनों मजबूत बल्लेबाजी क्रम के साथ उतरने पर विचार कर रहे हैं। हरियाणा की टीम कर्नाटक को तीन दिन में हराकर सेमीफाइनल में पहुंची जबकि राजस्थान ने हैदराबाद पर पहली पारी की बढ़त के आधार पर अंतिम चार में जगह बनाई।
मेजबान हरियाणा का पलड़ा हालांकि इस मैच में थोड़ा भारी माना जा रहा है क्योंकि उसे अपने घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा मिलेगा। भले ही वह पिछले साल इस मैदान पर तमिलनाडु से क्वार्टर फाइनल मैच हार गया था लेकिन कुल मिलाकर यह उसके लिए भाग्यशाली साबित हुआ है। इस साल वैसे हरियाणा यहां केवल दो मैच ही खेल पाया था। हरियाणा की टीम ने लीग चरण के अपने पहले पांच मैच में 300 से अधिक रन बनाए लेकिन केवल दो में उसे पहली पारी में बढ़त हासिल हुई जबकि राजस्थान पहले पांच मैच में बढ़त हासिल करने में नाकाम रहा था। इस तरह से दोनों ही टीमें लगातार उतार-चढ़ाव से गुजरकर यहां पहुंची हैं। हरियाणा के कोच अश्विनी कुमार ने कहा, हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन तब भी हमारी टीम आगे बढ़ने में सफल रही। हमारे कई खिलाड़ी [संजय बुधवार, मोहित शर्मा और जोगिंदर सिंह] चोटिल हो गए थे और हमने पांच नए खिलाड़ी उतारे लेकिन हम यहां तक पहुंचे हैं तो आत्मविश्वास के कारण और अब भी हमारी टीम का मनोबल काफी ऊंचा है। शीर्ष क्रम में नितिन सैनी और राहुल दीवान लगातार टीम को अच्छी शुरुआत देते रहे हैं। सैनी ने कर्नाटक के खिलाफ दोनों पारियों में अर्धशतक जमाए जबकि दीवान ने पहली पारी में 101 रन बनाए। मध्यक्रम में नितिन सैनी, सन्नी सिंह, प्रियांक तेहलान और सचिन राणा ने दमदार प्रदर्शन किया है। गेंदबाजी में टीम के पास हर्शल पटेल के रूप में तेज गेंदबाजी की नई सनसनी है जिन्होंने कर्नाटक की पहली पारी में 40 रन देकर आठ विकेट लिए थे। कप्तान और लेग स्पिनर अमित मिश्रा को यहां की परिस्थितियां ज्यादा माकूल लगती हैं और राजस्थान के बल्लेबाजों को उन्हें खेलने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। इनके अलावा यजुवेंद्र चाहल और राणा ने भी गेंदबाजी में उपयोगी योगदान दिया है।
जहां तक राजस्थान का सवाल है तो उसकी तरफ से रोबिन बिष्ट ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। बिष्ट ने अभी तक आठ मैच में 841 रन बनाए हैं और वह इस सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। अनुभवी आकाश चोपड़ा और कप्तान रिषिकेश कानितकर ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है। चोपड़ा पिछले मैच में शतक जमाकर फार्म में लौट आए हैं। विनीत सक्सेना ने भी अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाई है। अशोक मनेरिया के चोटिल होने के कारण टीम को झटका लगा था लेकिन पुनीत यादव और दिनेश याग्निक ने अब तक उनकी कमी नहीं खलने दी है। टीम को अनुभवी रश्मि रंजन परीदा से भी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने की उम्मीद होगी। राजस्थान की गेंदबाजी की जिम्मेदारी पंकज सिंह और सुमित माथुर ने अच्छी तरह से संभाली है। पिछले साल की सनसनी दीपक चाहर के बाहर होने के बाद माथुर और गजेंद्र सिंह ने अच्छा खेल दिखाया है। टीम को यहां हालांकि लेग स्पिनर विवेक यादव से काफी उम्मीदें रहेंगी जिन्हें पिच से मदद मिल सकती है।
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