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धौनी ने गिनाईं टीम इंडिया की खामियां

आस्ट्रेलिया के हाथों दूसरे मैच में शर्मनाक हार से निराश भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने इसके लिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को समान रूप से दोषी ठहराया लेकिन वह यह साफ नहीं कर पाए कि आखिर ड्रेसिंग रूम में बनाई गई रणनीतियां मैदान पर क्यों नाकाम हो रही हैं।

By Edited By: Published: Fri, 06 Jan 2012 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jan 2012 05:59 PM (IST)
धौनी ने गिनाईं टीम इंडिया की खामियां

सिडनी। आस्ट्रेलिया के हाथों दूसरे मैच में शर्मनाक हार से निराश भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने इसके लिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को समान रूप से दोषी ठहराया लेकिन वह यह साफ नहीं कर पाए कि आखिर ड्रेसिंग रूम में बनाई गई रणनीतियां मैदान पर क्यों नाकाम हो रही हैं।

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मेलबर्न में 122 रन की हार के बाद भारत को दूसरे मैच में पारी और 68 रन से पराजय झेलनी पड़ी। इस पर भी शर्मनाक बात यह रही कि दोनों मैच चार दिन के अंदर समाप्त हो गए। धौनी ने मैच के बाद कहा, यदि पिछली दो सीरीज पर गौर करते हैं तो इंग्लैंड और अब यहां हम अधिक रन नहीं बना पाए। बीस विकेट लेना जरूरी है लेकिन आपको अतिरिक्त रनों की भी जरूरत पड़ती है। हम ज्यादा रन नहीं बना पाए। यहां तक कि इंग्लैंड में भी हम 300 रन तक पहुंचने के लिए जूझते रहे। जब विरोधी टीम के बल्लेबाज जमे होते हैं तो गेंदबाज थोड़ा भी प्रयोग नहीं कर सकते। उन्हें कभी बड़े स्कोर का बचाव करने का मौका नहीं मिला।

भारत पहली पारी में केवल 191 रन बना पाया जिसके जवाब में आस्ट्रेलिया ने चार विकेट पर 659 रन बनाकर पारी समाप्त घोषित की। धौनी ने कहा, सिडनी के विकेट पर पहली पारी में 300 से 350 रन अच्छा स्कोर होता। एक बार जब सस्ते में आउट हो जाते हैं तो फिर विरोधी टीम की सारी मनोदशा बदल जाती है। हम विकेट हासिल करने में नाकाम रहे और यही नहीं उन्हें तेजी से रन बनाने से भी नहीं रोक पाए। दो सौ रन बनने के बाद जब बल्लेबाज आसानी से रन बटोरते हैं तो आप असमंजस में पड़ जाते हो कि उन्हें आउट करें या रन बनाने से रोकें । हमें इसके लिए रास्ते निकालने होंगे। यदि हम उन्हें आउट नहीं कर सकते तो हमें उन्हें रन बनाने से रोकना होगा ताकि हम विकेट के लिए दूसरी नई गेंद का इंतजार कर सकें। लेकिन यदि वे 300 रन बना लेते तो फिर मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

भारतीय कप्तान के मुताबिक उनके गेंदबाज रणनीति को अच्छी तरह से अमल में लाने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा, यदि गेंदबाजों के पास रणनीति है और वे उस पर अच्छी तरह से अमल करते हैं तो अच्छा लगता है। एक बार जब यह गलत राह पर चला जाता है तो बहुत मुश्किल हो जाती है। जैसे कि इस मैच में हुआ। गली में केवल एक क्षेत्ररक्षक था। तब आप बल्लेबाज को कवर ड्राइव के लिए न्यौता देते हो। यदि वह गलती करता है तो स्लिप में कैच दे सकता है। यदि इसके उलटा होता है तो आपको अपनी रणनीति बदलनी होती है तथा क्षेत्ररक्षकों को लेग साइड पर रखकर जितना संभव हो सीधी गेंद करनी पड़ती है। धौनी के मुताबिक हमने जहीर के साथ आक्रमण पर काफी कोशिश की क्योंकि वह हमारा मुख्य गेंदबाज है। इसलिए हम नहीं चाहते कि वह इस तरह से किसी बल्लेबाज पर अंकुश लगाए। इसलिए यह रणनीति को अमल में लाने से जुड़ा है इसलिए हमारे गेंदबाजों को पिछले दो मैचों से जरूर सबक लेना होगा।

उन्होंने इस संबंध में आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का उदाहरण दिया जिन्होंने अपनी रणनीति के हिसाब से गेंदबाजी की। धौनी ने कहा, आस्ट्रेलियाई गेंदबाज एक तरफ गेंदबाजी कर रहे थे। एक बार जब बल्लेबाज जम गया तो उन्होंने बल्लेबाज को ड्राइव करने से रोकने की कोशिश की और बल्लेबाज के धैर्य की परीक्षा लेने लगे। ऐसे में यह निर्भर करता है कि पहले गलती कौन करता है। धोनी को हालांकि टीम के प्रदर्शन में कुछ सकारात्मक भी नजर आया। उन्होंने कहा, दूसरी पारी में हमने बल्लेबाजों को रन बनाते हुए देखा भले ही इससे मैच बचाने में मदद नहीं मिली। हमें इनको बड़े स्कोर में तब्दील करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, वे उन्हें बड़े स्कोर में क्यों तब्दील नहीं कर पाए यह कहना मुश्किल है। हमें पता करना होगा कि क्या बल्लेबाज अच्छी गेंदों पर आउट हुए या उन्होंने गलतियां की। हमने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने विरोधी टीम को आउट किया। हमने 400 रन का स्कोर बनाया। अब हमें लगातार ऐसा करना होगा। विभागों में इसे करने के बजाय हमें टीम के रूप में ऐसा करना होगा। धौनी यह नहीं मानते कि मध्यक्रम में उम्रदराज बल्लेबाज होने के कारण बल्लेबाजी में असफलता मिल रही है। धौनी ने कहा, उम्र बढ़ने के साथ अनुभव भी बढ़ता है। उम्मीद है कि आगे अच्छा होगा और हम अच्छे रन बनाने में सफल रहेंगे। धौनी ने अपने जल्द ही रक्षात्मक हो जाने की रणनीति पर कहा, आप हमेशा चार या पांच खिलाडि़यों को स्लिप में नहीं रख सकते। आपको रणनीति बदलने की जरूरत पड़ती है। यह विकेट लेने और उन्हें तेजी से रन बनाने से रोकने का संतुलन है। सच्चाई यह है कि मुझे लगता है कि इस मैच में मैंने कुछ अधिक समय तक स्लिप में ज्यादा क्षेत्ररक्षकों को रखा। धौनी ने कहा कि भले ही टीम 0-2 से पीछे चल रही है लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा है। धौनी ने कहा, परिस्थितियों से तालमेल बिठाना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक मैच अलग तरह का होता है। आपको उसी तरह से सामंजस्य बिठाना पड़ता हैं।

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