क्लार्क ने तोड़ा 76 साल पुराना रिकार्ड
आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ गुरुवार को तिहरा शतक जड़कर और इस बीच माइक हसी के साथ 334 रन की अटूट साझेदारी करके कई नए मुकाम हासिल किए। अब पांचवें नंबर के बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड क्लार्क के नाम पर दर्ज है। उन्होंने डान ब्रेडमैन का 76 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा। क्लार्क जब 329 रन पर खेल रहे थे तब उन्होंने पारी समाप्त करने की घोषणा कर दी थी।
सिडनी। आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ गुरुवार को तिहरा शतक जड़कर और इस बीच माइक हसी के साथ 334 रन की अटूट साझेदारी करके कई नए मुकाम हासिल किए। अब पांचवें नंबर के बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड क्लार्क के नाम पर दर्ज है। उन्होंने डान ब्रेडमैन का 76 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा। क्लार्क जब 329 रन पर खेल रहे थे तब उन्होंने पारी समाप्त करने की घोषणा कर दी थी।
वह टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के 21वें और आस्ट्रेलिया के छठे बल्लेबाज बन गए हैं। आस्ट्रेलिया के डान ब्रेडमैन, वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा और क्रिस गेल तथा भारत के वीरेंद्र सहवाग दो-दो तिहरे शतक जड़ चुके हैं। कप्तान के रूप में शतक जड़ने वाले क्लार्क दुनिया के सातवें और आस्ट्रेलिया के तीसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले सिम्पसन, ग्राहम गूच, मार्क टेलर, लारा, महेला जयवर्धने और यूनुस खान इस सूची में शामिल थे। यही नहीं पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड क्लार्क के नाम पर दर्ज हो गया है। उन्होंने ब्रेडमैन का 76 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा जिन्होंने 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 304 रन बनाए थे। क्लार्क से पहले आस्ट्रेलिया की तरफ से ब्रेडमैन, बाब काउपर, बाबी सिम्पसन, मार्क टेलर और मैथ्यू हेडन यह कारनामा कर चुके हैं। वह आस्ट्रेलिया की तरफ से चौथी सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी खेलने में सफल रहे। उनसे अधिक स्कोर हेडन [380] तथा ब्रेडमैन और टेलर [दोनों 334 रन] के नाम पर दर्ज है। यह आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर बना केवल तीसरा तिहरा शतक है।
क्लार्क से पहले काउपर ने 1966 में इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न में 307 और हेडन ने जिंबाब्वे के खिलाफ पर्थ में 380 रन बनाए थे। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर यह पहला तिहरा शतक है और वह इस श्रेणी में जुड़ने वाला 19वां टेस्ट स्थल बन गया है। वेस्टइंडीज के सेंट जोन्स और इंग्लैंड के लीड्स में तीन-तीन जबकि वेस्टइंडीज के ब्रिजटाउन और किंग्सटन में दो-दो तिहरे शतक बने हैं। सिडनी पर इस तरह से यह सर्वाधिक व्यक्तिगत पारी है। क्लार्क ने इस मामले में 107 पुराना रिकार्ड तोड़ा। एससीजी पर इससे पहले सर्वाधिक स्कोर 287 रन था जो इंग्लैंड के रेगनाल्ड [टिप] फोस्टर ने दिसंबर 1903 में बनाया था। संयोग से इस मैदान पर तीसरा सबसे बड़ा स्कोर 277 रन का है जो लारा ने 1995 में पांच जनवरी को ही बनाया था। क्लार्क ने अपनी पारी के दौरान माइक हसी [नाबाद 150] के साथ पांचवें विकेट के लिए 334 रन की अटूट साझेदारी की। यह पांचवें विकेट के लिए चौथी सबसे बड़ी साझेदारी है। रिकार्ड 405 रन का है जो आस्ट्रेलिया के ही सिडनी बर्न्स और ब्रेडमैन ने 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ सिडनी में बनाया था। भारत के खिलाफ यह पांचवें विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी है। क्लार्क और हसी ने वेस्टइंडीज के कार्ल हूपर और शिवनारायण चंद्रपाल का 2002 में जार्जटाउन में बनाई गई 293 रन की भागीदारी का रिकार्ड तोड़ा। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पांचवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के नाम पर है। उन्होंने 2001 में कोलकाता में 376 रन जोड़े थे। आस्ट्रेलिया की तरफ से भारत के खिलाफ इस विकेट की साझेदारी का इससे पहले यह रिकार्ड स्टीव वा और रिकी पोंटिंग के नाम पर था जिन्होंने 1999 में एडिलेड में 239 रन जोड़े थे।
आस्ट्रेलिया की तरफ से इस पारी में दो साझेदारियां 250 से अधिक रन की निभाई गई। टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है। क्लार्क ने हसी के साथ साझेदारी करने से पहले पोंटिंग के साथ चौथे विकेट के लिए 288 रन जोड़े थे। इससे पहले भारत के खिलाफ ही दक्षिण अफ्रीका ने 2010 में सेंचुरियन में 200 से अधिक रन की दो साझेदारियां की थी। आस्ट्रेलिया ने भारत पर पहली पारी के आधार पर 468 रन की बढ़त बनाई। यह पांचवां अवसर है जबकि भारत पहली पारी के आधार पर 400 से अधिक रन से पीछे रहा। इनमें से चार बार उसे हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में भी भारतीय टीम 484 रन से पिछड़ गई थी जबकि 2011 में बर्मिंघम में इंग्लैंड ने उस पर 486 रन की बढ़त बनाई थी। आस्ट्रेलिया ने अपनी पारी चार विकेट पर 659 रन बनाकर समाप्त घोषित की जो उसका भारत के खिलाफ दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। उसने इससे पहले 1948 में एडिलेड में 674 रन बनाए थे। सिडनी में वैसे सर्वाधिक रन का रिकार्ड भारत के नाम पर है जिसने 2004 में यहां सात विकेट पर 705 रन बनाकर पारी समाप्त घोषित की थी। राहुल द्रविड़ इस सीरीज में तीसरी बार बोल्ड आउट हुए। अब वह टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 53 बार बोल्ड होने के एलन बोर्डर के रिकार्ड के काफी करीब पहुंच गए हैं। द्रविड़ अब तक 52 बार बोल्ड हो चुके हैं।
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