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महाकुंभ: बारिश ने भंग की वर्षो की तपस्या

जौनपुर के 85 वर्षीय सुंदरदास पिछले 22 साल से कल्पवास कर रहे थे, 15 और 16 फरवरी की बारिश में भीगने से खुद को नहीं बचा सके। नतीजन वह तेज बुखार से पीडि़त हो गए। सूचना मिलने पर उनका बेटा उन्हें घर ले जाने के लिए कुंभनगर पहुंचा है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Feb 2013 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2013 12:07 PM (IST)
महाकुंभ: बारिश ने भंग की वर्षो की तपस्या

इलाहाबाद [संदीप दुबे]। जौनपुर के 85 वर्षीय सुंदरदास पिछले 22 साल से कल्पवास कर रहे थे, 15 और 16 फरवरी की बारिश में भीगने से खुद को नहीं बचा सके। नतीजन वह तेज बुखार से पीडि़त हो गए। सूचना मिलने पर उनका बेटा उन्हें घर ले जाने के लिए कुंभनगर पहुंचा है।

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अब सुंदरदास कल्पवास को आगे जारी रखने के बजाय अपना इलाज कराने के लिए घर जा रहे हैं। वह माघी पूर्णिमा का स्नान करने संगम दुबारा आने की कोशिश करेंगे। सुंदरदास की तरह ही सेक्टर नौ में कल्पवास कर रहे धनीराम आदि जैसे दर्जनों कल्पवासियों ने बारिश के बाद मेला छोड़ने का मन बना लिया है। कई कल्पवासियों ने कुंभ नगर छोड़ दिया है। सेक्टर 12 के बालखिल आश्रम में कल्पवास कर रहे कृष्णचंद्र इस वर्ष शैय्या दान करने का कार्यक्रम था। 16 की बारिश से परेशान परिजनों ने उन्हें कार्यक्रम स्थगित करने की सलाह दी। पर मौसम साफ होने के कारण वह 17 तारीख को निर्धारित कार्यक्रम येन केन प्रकारेण पूरा हो सका। उन्हीं की तरह लाखों कल्पवासियों ने मौसम साफ होने से अपने धार्मिक अनुष्ठान किसी तरह संपन्न किया।

गंदगी और बीमारी की तैयारी-

कल्पवासियों के शिविरों के आसपास के इलाकों में फैली गंदगी से बीमारी फैलाने के आसार नजर आ रहे हैं। इन क्षेत्रों के शौचालयों में गंदगी है और शिविरों के आसपास कूडे़ का ढेर जमा है। चूने के छिड़काव की खानापूरी कर साफ-सफाई की औपचारिकता निभाई जा रही है।

कल्पवासियों को राहत सामग्री

कुंभ मेला क्षेत्र के कल्पवासियों को प्रशासन की ओर से दस किलो आटा, साढ़े सात किलो चावल, एक किलो चीनी और ढाई लीटर मिट्टी का तेल दिए जाने की घोषणा की गई है। यह सामग्री सभी कल्पवासियों को उनके राशन कार्ड पर रियायती दरों पर मिलेगी। जिन कल्पवासियों ने इस माह का राशन कार्ड पर लिया हो उन्हें भी यह राहत सामग्री दी जा रही है।

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