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इरफान के दम पर बड़ौदा बना टी20 चैंपियन

टूर्नामेंट में पहली बार खेल रहे इरफान पठान के आलराउंड प्रदर्शन से बड़ौदा ने आज रोमांचक मुकाबले में पंजाब को आठ रन से हराकर सैयद मुश्ताक अली अखिल भारतीय टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।

By Edited By: Published: Tue, 27 Mar 2012 09:28 PM (IST)Updated: Tue, 27 Mar 2012 09:28 PM (IST)
इरफान के दम पर बड़ौदा बना टी20 चैंपियन

मुंबई। टूर्नामेंट में पहली बार खेल रहे इरफान पठान के आलराउंड प्रदर्शन से बड़ौदा ने आज रोमांचक मुकाबले में पंजाब को आठ रन से हराकर सैयद मुश्ताक अली अखिल भारतीय टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।

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इरफान अपने बड़े भाई यूसुफ [29 गेंद में 27 रन] के आउट होने पर उस समय क्रीज पर उतरे जब टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरा बड़ौदा 91 रन पर पांच विकेट गंवा चुका था। इस आलराउंडर ने इसके बाद टीम के शीर्ष स्कोरर कप्तान पीनल शाह [28 गेंद में 39 रन, दो चौके और दो छक्कों] के साथ मिलकर पारी का नक्शा बदल दिया। उन्होंने 23 गेंद में नाबाद 36 रन की पारी खेली और अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का जड़ा। बड़ौदा की टीम इससे छह विकेट पर 149 रन का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने में सफल रही। मैन आफ द मैच इरफान ने इसके बाद 24 रन पर दो विकेट चटकाए और विरोधी कप्तान हरभजन सिंह को रन आउट भी किया जिससे पंजाब की टीम निर्धारित ओवरों में आठ विकेट पर 141 रन ही बना सकी। वर्ष 2001 में रणजी ट्राफी खिताब जीतने के बाद सीनियर स्तर पर यह बड़ौदा का 12 बरस में पहला खिताब है। बड़ौदा ने जब रणजी खिताब जीता था तो वह इरफान का पदार्पण सत्र था। बड़ौदा को खिताबी जीत के लिए 10 लाख रुपए मिले जबकि पंजाब को उपविजेता बनने पर पांच लाख रुपए से संतोष करना पड़ा। इससे पहले पंजाब ने सिर्फ नौ रन पर सलामी बल्लेबाजों चंदन मदन और सारूल कंवर के विकेट गंवाने के बाद वापसी की। मनदीप सिंह [31 गेंद में 40 रन] और बिपुल शर्मा [38 गेंद में 41 रन] ने अहम पारियां खेली लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।

पंजाब को अंतिम तीन ओवर में जीत के लिए 28 रन चाहिए थे जबकि उसके छह विकेट शेष थे लेकिन इसके बाद मैच का पासा पलट गया। इरफान ने 19वें ओवर में हरभजन को रन आउट किया और फिर तरूवर कोहली [01] को मुर्तजा वाहोरा के हाथों कैच कराया। वाहोरा के पारी के अंतिम ओवर में पंजाब को 11 रन चाहिए थे लेकिन पहली गेंद पर ही बिपुल के आउट होने से टीम की जीत की उम्मीद टूट गई। भारतीय टीम में वापसी की कवायद में जुटे मुनाफ पटेल ने भी 21 रन देकर दो विकेट चटकाए। इससे पहले बड़ौदा की शुरूआत खराब रही और उसने पांचवें ओवर में 24 रन तक ही आदित्य वाघमोड़े [00], केदार देवधर [12] और अंबाती रायुडू [00] के विकेट गंवा दिए थे। रायुडू को विकेट के पीछे कैच देने का अंपायार सुरेश शास्त्री का फैसला हालांकि संदेहास्पद रहा। बड़ौदा ने इसके बाद मोनिल पटेल [17] और यूसुफ की पारियों की मदद से वापसी की कोशिश की लेकिन यह दोनों भी टीम के रनों का सैकड़ा पूरा होने से पहले पवेलियन लौट गए। पीनल शाह और इरफान ने इसके बाद छठे विकेट के लिए तेजी से 48 रन जोड़कर टीम का स्कोर 150 रन के करीब पहुंचाया।

इरफान ने अपनी गेंदबाजी के बारे में कहा, मैं अपनी गेंदबाजी से वास्तव में खुश हूं विशेषकर पिछले दो साल में मैंने वास्तव में उस लेंथ से गेंदबाजी की जो कि डेथ ओवरों में मुझे करनी चाहिए थी। मेरी यार्कर काफी अच्छी पड़ रही है। इरफान फाइनल के लिए कल ही यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह घरेलू क्रिकेट में फाइनल में खेलने का मौका नहीं गंवाना चाहते थे। पिछले एक दशक से अधिक समय में यह उनका केवल तीसरा फाइनल है। उन्होंने कहा, मुझसे कल किसी ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में हमेशा फाइनल नहीं खेला जा सकता। मैं पिछले 13 साल से घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं और यह मेरा तीसरा फाइनल है। आपको ऐसे मौकों का पूरा फायदा उठाना चाहिए। मैंने खिलाडि़यों से कहा कि वह इस मैच का पूरा लुत्फ उठाएं। दिन के अािखर में जो कुछ हुआ, परिणाम जो भी रहा, हमने अच्छा प्रदर्शन किया। इस मैच में कुछ भी हो सकता था। पंजाब भी आखिरी ओवर में जीत सकता था। यह बहुत अच्छा मैच था।

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