Move to Jagran APP

शिक्षा का दान

सात वर्ष पूर्व कछियाना निवासी रीता शुक्ला ने शिक्षा के दान की पहल अकेले शुरू की थी, लेकिन आज उनकी इस मुहिम में 6 अन्य लोग शामिल हो गए है।

By Edited By: Published: Tue, 03 Apr 2012 03:24 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2012 03:24 PM (IST)
शिक्षा का दान

सात वर्ष पूर्व कछियाना निवासी रीता शुक्ला ने शिक्षा के दान की पहल अकेले शुरू की थी, लेकिन आज उनकी इस मुहिम में 6 अन्य लोग शामिल हो गए है। 'शिक्षादान महादान' की कहावत को साकार करने में जुटीं रीता कक्षा एक से लेकर हाईस्कूल तक के लगभग एक सौ दस बच्चों को मुफ्त शिक्षा और पठन सामग्री उपलब्ध करा रही है।

loksabha election banner

चाह थी समाज सेवा की

रीता बताती है, ''खाली समय में समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। सो, विचार आया कि क्यों न आर्थिक रूप से अक्षम बच्चों को पढ़ाया जाए। वर्ष 2005 में घर पर ही तीन बच्चों से अध्यापन का काम शुरू किया। धीरे-धीरे संख्या बढ़ी और मैं अपने मिशन में कामयाब हुई।''

मिलती है खुशी

रीता बताती है, ''आधे से अधिक बच्चे ऐसे है, जो न ही फीस दे सकते है और न ही शिक्षण सामग्री खरीद पाते है। इन बच्चों को मैं पठन सामग्री और ड्रेस तक उपलब्ध कराती हूं। अपने घर पर ही पढ़ाती हूं, इसलिए जगह का किराया भी बच जाता है। बच्चों के बर्थ डे पर उन्हे गिफ्ट के रूप में किताब या कॉपी देती हूं जिससे वे ठीक से पढ़ सकें।''

हर काम सहयोग से

रीता बताती है, ''बच्चों की संख्या बढ़ी तो अकेले पढ़ाना संभव नहीं था, लेकिन हमारे प्रयास को देखते हुए मुहल्ले की 6 लड़किया हमारे साथ जुड़ गई। ये लोग भी पढ़ रही है। ऐसे अभिभावक भी हैं जो पचास या सौ रुपये मदद के रूप में देते है।''

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.