आत्मनिर्भर बनना ही पूर्ण स्वतंत्रता का एकमात्र उपाय है
मुश्किलें ही बनाती हैं इंसान को मजबूत, शर्त यह है कि कायम रहे आत्मविश्वास। अनुभव डेजी ईरानी के...
जिस पल एक स्त्री ने इस दुनिया में जन्म लिया वहीं सेशुरू हुआ महिला दिवस ऐसा मैं मानती हूं। आज की पीढ़ी की तुलना में मैंने एक लंबा दौर देखा है, महिलाओं के आगे बढ़ने का और उनके पीछे जाने का भी। मेरा बचपन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा, क्योंकि मुझसे फिल्मों में जबरदस्ती काम करवाया गया। उस समय 35 हजार रुपये एक फिल्म के लिए मुझे मिलते थे, बतौर बाल कलाकार काम करने के... इतनी बड़ी रकम 1955 के दौरान नामी-गिरामी स्टारों को भी मिलनी असंभव थी। हालांकि न पैसों की वैल्यू मुझे बचपन में पता थी, न मुझे अहसास था कि 35 हजार बहुत बड़ी रकम है।
आज महसूस हो रहा है कि मेरी इतनी क्षमता नहीं थी कि मैं कभी मां से यह कह सकूं कि अम्मी मेरा मन आज खेलना चाहता है। आज थक गई हूं। यह समझिए साल के बारह महीने मैं लगातार काम करती थी थी। मेरे पारिश्रमिक से ही मेरा घर चलता था... जब रोने का शॉट होता था, निर्माता-निर्देशक मुझे चिकोटी काटते थे। वे मुझे मारते-पीटते और बदसुलूकी से बर्ताव करते थे, ताकि मैं किसी तरह से रोने लगूं और उन्हें मनचाहा शॉट मिल जाए।
मैंने बहुत कुछ सहा जीवन में, शायद ही कोई ऐसी कल्पना कर सके। दिल से कह रही हूं कि मैं अपनी सफरिंग्स के कारण ही अपने जीवन के अगले पड़ावों में बहुत स्ट्रांग बनती गई। मैंने खुद को मजबूत किया। मुझे अहसास हुआ कि उस समय मैं छोटी होने के कारण इंकार नहीं कर सकी, अपने पर होने वाले अन्याय को लेकर। मेरी तरह सभी महिलाओं को अपने दुख और परेशानियों से यह सीख जरूर लेनी चाहिए कि उन्हें दृढ़ रहना है।
जीवन में अगर कोई काम करने के लिए आपका दिल गवारा न करे तो उस काम के लिए बिलकुल मना कर दें। इसीलिए कहा जाता है कि खुदी को कर बुलंद इतना... मेरी जिंदगी में शादी के बाद का समय बहुत अच्छा रहा। मैंने अपने बच्चों की परवरिश की और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया। अब मैं अपना जीवन बहुत सुकून से जी रही हूं, क्योंकि जितने दुख-दर्द बर्दाश्त करने थे, शायद वो बचपन में ही खत्म हो गए।
महिलाओं का शोषण होना पूरी तरह खत्म हो सकता है, अगर वे खुद इसके खिलाफ आवाज उठाएं। मैं इस नए युग की नई नायिकाओं का आत्मविश्वास देखकर खुश हो जाती हूं। अपने पैरों पर खड़े होना और आत्मनिर्भर बनना उनकी स्वतंत्रता का एक मात्र उपाय है। कभी जीवन के इन अलग पहलुओं पर भी गौर कीजिए। खुद के लिए जीना भी महिलाओं के लिए आवश्यक है।
-संगिनी फीचर