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संगीत के मंच से जिंदगी के हमसफर

निधि कोहली ओर एएमसी अमन संगीत के सफर में चलते-चलते जिंदगी के भी हमसफर बन गए। पहले दोस्ती हुई फिर अमन ने शादी का प्रस्ताव रखा और दोनों बन गए जीवन भर के साथी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 18 Jun 2016 12:30 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jun 2016 12:46 PM (IST)
संगीत के मंच से जिंदगी के हमसफर

12 साल से विधिवत गायन से जुड़े निधि-अमन को मालूम नहीं था कि एक दिन उनकी गायकी उन्हें वैश्विक

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पटल पर इस मुकाम पर पहुंचाएगी।

निधि कोहली और एएमसी अमन का म्यूजिक विडियो 'दुआवां मांगी' 22 अप्रैल को लांच किया गया था। की गई थी। इसे अब तक यू ट्यूब पर 11 लाख से अधिक लोगों ने पसंद किया है। इस विडियो को देश-विदेश के संगीत प्रेमियों ने खूब सराहा है। युवा दंपती निधि और अमन की जोड़ी ने बहुत ही उम्दा तरीके से सूफी गाने दुआवां मांगी को कैमरे के सामने जीवंत कर दिया है। वर्ष 2013 की बात है, एक दिन उन्होंने अपने दिल की बात निधि के सामने रखी और धीरे-धीरे निधि ने उनके प्रस्ताव पर गौर करना शुरू किया और 5 सितंबर, 2014 को वे जीवनसाथी बन गए। उन्हें आज खुशी है कि मंच पर तो हम साथ थे ही, अब जीवन के भी साथी बन गए हैं।

अमन और निधि बताते हैं कि गायन के क्षेत्र में कई पुरस्कार मिल चुके हैं। निधि कोहली और अमन को संगीत जगत की संस्था कला दर्पण ने वर्ष 2003 में आयोजित रफी समारोह में सम्मानित किया था। उन्हें यह सम्मान गायिका पिनाज मसानी तथा फिल्मी कलाकार अमरीश पुरी ने प्रदान किया था। निधि को एक निजी चैनल की ओर से वर्ष 2011 में आवाज पंजाब दी का खिताब भी मिल चुका है। जीटीवी के सारे-गा- मा-पा की टॉप-15 में भी निधि रही हैं। अब कला दर्पण की ओर से निधि कोहली और अमन को संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 31 जुलाई को विशेष अवार्ड से नवाजा जाएगा।

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बॉलीवुड में गाने का है लक्ष्य निधि कोहली और एएमसी अमन का लक्ष्य बॉलीवुड में गाने का है और इसके लिए प्रयासरत हैं। निधि कोहली ने उस्ताद बाबू खान, राजेंद्र्र ंसह, चंचल प्रसाद से संगीत की बारीकियां सीखी हैं। निधि कहती हैं कि वह शमशाद बेगम, लता मंगेशकर तथा आशा भोंसले से काफी प्रभावित है।

और उनसे भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। संगीत मन को सुकून देता है। यही वजह है कि वह

सुकून पाने को संगीत से जुड़ी हैं और अपने सूफियाना कलाम से संगीत प्रेमियों के दिलदिमाग को ताजगी देने की कोशिश करती हैं।

-प्रस्तुति : अनिल बेताब, फरीदाबाद

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