प्यार किया नहीं जाता हो जाता है
प्यार जिंदगी का सबसे खूबसूरत अहसास है। कुछ लोगों का मानना है कि पहले प्यार ने उन्हें आगे बढ़ने की राह दिखाई। वैलेंटाइन डे के मौके पर कुछ खास हस्तियों ने साझा किए अपने प्यार के राज
मेरी दोस्त है मेरी वैलेंटाइन ,नीति टेलर
अभिनेत्री रिनी मलिक मेरी बेस्टफ्रेंड है। हम नौ साल से साथ हैं। मैंने उससे सीखा है कि प्रतिकूल परिस्थितियो में भी मुस्कुराते रहना चाहिए। मरे परैट्स दिल्ली में रहते हैं, लेकन रिनी के कारण घर की कमी महसूस नही होती हैं। शरुआत में हमें बहुत खराब लगता था कि हमारा कोर्इ ब्वायफ्रेंड नही है। दरअसल, हमारी बाकी दोस्तो के ब्वायफ्रेंड थे। वह उनके नाज नखरे उठाया करते थे। लिहाजा हम दोनो ने एक-दूसरे का वैलेंटाइन बनने का फैसला किया। दोस्त होने के कारण हम सब शेयर करते ही थे। हमने वैलेंटाइन बनने के बाद एक-दूसरे को स्पेशल फील कराना भी तय किया। हम दोनो हर साल वैलेंटाइन डे एक साथ सेलिब्रेट करते हैं। पिछले साल मैंने पूरा घर गुब्बारों से सजाया था। इस साल भी हम दोनो एक-दूसरे के साथ वैलेंटाइन डे मनाएंगे। मेरा मानना है कि जब कभी मौका लगे हमें अपनो को स्पेशल फील कराना चाहिए।
मां से और काम से मोहब्बत, ईशा सिंह
अभिनेत्री मेरा पहला प्यार मेरी मां हैं। मुझे उनसे बहुत लगाव है। उनके बाद मुझे अपने काम से मोहब्बत है। हां, मुझे क्रश जरूर हुआ था। तब मैं बहुत छोटी थी। हैरी पॉटर वाले डेनियल रेडक्लिफ के किरदार से। वह इसलिए कि उसके पास जादुई शक्तियां बहुत हैं। उस किरदार से मुझे सीख मिली कि आप किसी भी उम्र में जादू कर सकते हो।
नेहा है मेरी जिंदगी, अर्जुन बिजलानी
अभिनेता सच्चा प्यार खुशनसीब को मिलता है। मैं लकी हूं कि नेहा मेरी जिदंगी में आई। हम लंबे समय तक दोस्त रहे हैं। दोस्त बनने पर आप एक-दूसरे की खूबी-खामी से परिचित होते हैं। वहा से आपको अहसास होता है कि कौन आपको बहेतर समझता है। नेहा में हर वह खूबी है जो उम्दा हमसफर में होनी चाहिए। लंबी दोस्ती के बाद नेहा मेरी जीवनसंगिनी बनी है। हम एक-दूसरे को बखूबी समझते हैं। मेरे चहेरे को दखेकर वह मेरी परेशानी भांप लेती है। बेटे अयान के आने के बाद जिदंगी और खूबसूरत हो गर्इ है। मेरा काम भी काफी बढ गया है। लिहाजा मैं पत्नी और बच्चो को क्वालिटी समय नही दे पाता हूं। हालांकि इस बार कोशिश है कि वैलेंटाइन को दोनो के लिए खास बनाऊं। उन्हं रोमांटिक डिनर पर ले जाने की योजना है, जैसा पहले हम जाते थे।
मां संग वैलेंटाइन का जश्न, रश्मि देसाई
अभिनेत्री मेरा पहला क्रश अपने मैथ वाले सर से हुआ था। नतीजा यह रहा कि जिस विषय से मुझे नफरत थी, उससे सर के चलते मुहब्बत हो गई। कॉलेज में आने पर मैं वैलेंटाइन डे पूरे उत्साह के साथ मनाया करती थी। रोज डे से लेकर हफ्ते के सारे दिन, पर मां के साथ। हम दोनों एक-दूसरे को गिफ्ट दिया करते थे। बाहर घूमने भी निकलते थे। यह सिर्फ गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड के साथ ही मुहब्बत का जश्न मनाने का पल नहीं है। आप जिस किसी भी से भी बेइंतहा मुहब्बत करते हों, उनके साथ रहें। बाकी ‘पहली नजर का प्यार’ दरअसल प्यार नहीं होता। वह आकर्षण ही होता है।
चुनौतियों के चौराहे पर खड़े हैं रिश्ते, सौम्या टंडन
अभिनेत्री प्यार में बड़ी ताकत होती है। सच्ची मुहब्बत इंसान को किसी भी किस्म की चुनौतियों का सामना करने का भरपूर हौसला देती है। यह भावना प्रधान होता है। ये भावनाएं ही हैं, जो साधारण को असाधारण बना देती हैं। तथ्य कहते हैं कि सपने मत देखो और यकीन कहता है कि सपना हकीकत बन सकता है। संघर्ष करो। ऐसे ढेरों उदाहरण हैं, जहां सच्चा प्यार करने वालों ने न सिर्फ अपने प्यार को हासिल किया, बल्कि अपने सपने भी साकार किए। मिसाल के तौर पर शाहरुख व गौरी की प्रेम कहानी। दोनों की सच्ची मोहब्बत दुआ बन एक-दूसरे के काम आई। आज शाहरुख कहां हैं, यह हर किसी के समक्ष है। यह सच है कि सारे रिश्ते भावनाओं से बनते हैं। ऐसा कोई भी समाज अकल्पनीय होगा, जहां भावना का स्थान न हो। हां, भावनाओं को सही दिशा देना हमारे हाथ में है। समय के साथ हमें नए-नए सवालों से रूबरू होना होगा, पर सच हमेशा सच ही रहेगा। हालांकि एक हकीकत यह भी है कि आज की तारीख में चुनौतियां बहुत बड़ी हैं। रिश्ते सिर्फ जज्बाती तौर पर कायम करना दुरुह है। रहा सवाल मेरे पहले क्रश का तो वह टाम क्रूज थे, स्कूली दिनों में। उन्हें देख मेरी धड़कनें थम जाती थीं। पढ़ाई और अन्य क्रियाकलापों में उनकी तरह मकबूल होने का इरादा मजबूत होता चला गया। दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद येन-केन प्रकारेण मैं ग्लैमर जगत में आई। जैसा मैंने पहले बताया कि कोई वैसा नहीं मिला, जिसे देख दिल में घंटी बजी। फिर सौरभ मेरी जिंदगी में आए। हम दोनों को लगा कि हम एक-दूजे के लिए बने हैं। लिहाजा एक-दूसरे के हो गए।
कॉलेज में हुआ पहला प्यार, अनेरी वजानी अभिनेत्री
मेरे लिए प्यार का अर्थ एक-दूसरे का सम्मान और उसकी भावनाओ का आदर करना भी है। यह तो आपने भी सुना होगा कि ताली कभी एक हाथ से नही बजती है। सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी पडता है। शादीशदुा जिदंगी में तलाक जहर की तरह घोल रहे हैं। रिश्तों से आत्मीयता गायब हो रही है। यह एक-दूसरे के पति सम्मान न करने का भी नतीजा है। बहरहाल, मुझे पहला प्यार कॉलेज में हुआ था। हम दोनो के शौक काफी मिलते-जुलते थे। हम दोनो सिनमा के शौकीन थे। हम अक्सर थिएटर में सिनमा पर लंबी चर्चा करते थे। काफॅी की चुस्किया लेते समय भी हमारे बीच बातचीत ज्यादातर सिनमा को लकेर ही होती थी।