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नहीं भूलती वो दीपावली

दीपावली का नाम सुनते ही और न जाने कितनी ही मीठी यादें हमारे मन के दरवाजे पर दस्तक देने लगती हैं। बालीवुड की कुछ मशहूर शख्सियतें अपनी कुछ ऐसी ही यादों की साझेदारी कर रही हैं हमारे साथ

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 11:10 AM (IST)
नहीं भूलती वो दीपावली

सब होते हैं एक साथ

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अर्जुन कपूर, अभिनेता

यही एक ऐसा मौका होता है, जब मेरे दोनों चाचू, सोनम, रिया, हर्ष और हम सब एक साथ होते हैं, उस दिन किसी के पास कोई बहाना भी नहीं होता। हमारे परिवार की परंपरा है कि उस रोज सभी सदस्य साथ बैठकर लक्ष्मी-पूजा करते हैं। बड़ा ही सात्विक माहौल होता है घर का।

जब सब साथ होते हैं तो ढेर सारी बातें भी होती हैं। बचपन में हमारे घर पर आतिशबाजी की रौनक देखने लायक होती थी, पर अब पॉल्यूशन की वजह से हम पटाखे नहीं चलाते। प्रदूषण तो पहले भी होता होगा, पर उन दिनों लोगों में इन बातों को लेकर इतनी जागरूकता नहीं थी। यह अच्छी बात है कि अब लोग ऐसी समस्याओं के बारे में सोचने लगे हैं।

जमकर होती थी आतिशबाजी

श्रद्धा कपूर, अभिनेत्री

मैं अपने बचपन की दीवाली को आज भी बहुत मिस करती हूं। हमारे परिवार में बहुत धूमधाम से दीवाली मनाई जाती थी। मैं अपने कजंस के साथ मिलकर खूब धमाचौकड़ी मचाती थी। हफ्तों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती थीं। शॉपिंग के लिए मैं भी मम्मी के साथ जाती थी। मम्मी को मिठाइयां, पूजा का सामान और ढेर सारी चीजें खरीदनी होती थीं, पर मेरा ध्यान तो सिर्फ पटाखों पर होता था। मैं जिद करके अपने लिए ढेर सारे पटाखे और फुलझडिय़ां खरीदती थी। खुशी के मारे दीपावली की सुबह बहुत जल्दी नींद खुल जाती थी। हम बच्चे शाम होने का बेसब्री से इंतजार करते। फिर हम देर रात तक पटाखे चलाते थे, लेकिन अब व्यस्तता की वजह से पहले की तरह

त्योहार एंजॉय नहीं कर पाती।

मिठाइयों का रहता था इंतजार

दीपिका पादुकोन, अभिनेत्री

बचपन की दीपावली मुझे बहुत याद आती है। तब मैं पापा-मम्मी और अपनी बहन के साथ बंगलुरू में रहती थी। मुझे मिठाइयां बहुत पसंद हैं। दीपावली के मौके पर भी कुछ खास दक्षिण भारतीय मिठाइयां बनती थीं। तब हमें बड़ी बेताबी से दीवाली का इंतजार रहता था। मैं अपने हाथों से सुंदर-सुंदर रंगोलियां बनाती थी। घर आए मेहमानों के संगहम ढेर सारी बातें करते और पूरे घर में हंसी-खुशी का माहौल रहता। अब तो लाइफ बहुत बिजी हो गई है। फिर भी हमेशा यही कोशिश होती है कि त्योहार वाले दिन मैं अपने मम्मी-पापा के साथ रहूं।

घर की सजावट करती हूं

शिवानी कश्यप, गायिका

दीपावली का त्योहार मुझे बेहद पसंद है, पर आतिशबजी से सख्त नफरत है। इस दिन मुझे घर को सजाना बहुत अच्छा लगता है। इसके लिए मैं तरह-तरह की कंदील और कैंडल्स खरीद कर लाती हूं। खुद अपने हाथों से रंगोली बनाना और फूलों के बंदनवार से घर को सजाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। यही एक मौका होता है, जब दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने घर बुलाती हू।

मदद करती हूं जरूरतमंदों की

रवीना टंडन, अभिनेत्री

मैं आतिशबाजी को एनकरेज नहीं करती। बचपन में मेरी मां अपने साथ हम सभी को किसी अनाथालय में ले जाती थीं। वहां जाकर हम बच्चों को मिठाइयां और नए कपड़े देते थे। खास अवसरों पर शगुन के तौर पर रिश्तेदार हमें जो भी पैसे देते थे, हम उन्हें बचाकर रखते थे। फिर उन्हीं पैसों से दीपावली पर जरूरतमंदों बच्चों के लिए गिफ्ट खरीदते थे। मैं आज भी उसी परंपरा का निर्वाह कर रही हूं। मैं अपने बच्चों में भी वही संस्कार विकसित करना चाहती हूं जो अपने माता-पिता से मुझे विरासत में मिले।

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