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लंदन के चिड़ियाघरों में जानवरों का ओलंपिक

लंदन। एक तरफ जहां लंदन ओलंपिक में लोग बोल्ट के प्रदर्शन पर तालियां ठोक रहे हैं तो वहीं चिडि़याघर के कुछ खिलाड़ी भी तालियों की गड़गड़ाहट में अपने खेल-कौशल का जौहर दिखा रहे हैं। शहर के चिड़ियाघर में जानवरों के ओलंपिक का आयोजन किया गया है। इन्हें देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। चिडि़याघर के अधिकारी ल्य

By Edited By: Published: Fri, 10 Aug 2012 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2012 07:49 AM (IST)
लंदन के चिड़ियाघरों में जानवरों का ओलंपिक

लंदन। एक तरफ जहां लंदन ओलंपिक में लोग बोल्ट के प्रदर्शन पर तालियां ठोक रहे हैं तो वहीं चिडि़याघर के कुछ खिलाड़ी भी तालियों की गड़गड़ाहट में अपने खेल-कौशल का जौहर दिखा रहे हैं।

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शहर के चिड़ियाघर में जानवरों के ओलंपिक का आयोजन किया गया है। इन्हें देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। चिडि़याघर के अधिकारी ल्यूसी स्मिथ ने बताया, 'ओलंपिक फीवर को हमने इस आयोजन के साथ जोड़ने की कोशिश की है। यह सफल रहा है, लोग उत्साह के साथ एनीमल ओलंपिक का आनंद ले रहे हैं।' इस आयोजन में शेर, ऊदबिलाव, पेंग्विन और चूहों का खेल लोगों को खासा पसंद आ रहा है। एक तरफ ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों को पदक देकर सम्मानित किया जाता है तो एनीमल ओलंपिक में विजेता बेहतरीन दावत का मजा उठाते हैं।

दर्शकों की भीड़ ने दिलाई आयोजन को सफलता

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख जैकस रोगे का कहना है कि लंदन ओलंपिक के सफल आयोजन का श्रेय यहां कार्यक्रम में शामिल भीड़ को जाता है। लगभग साठ लाख दर्शक आयोजन की सफलता के परिचायक है। लंदन में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में रोगे ने कहा कि मुझे यकीन नहीं था कि लोग इस आयोजन में इतने उत्साह के साथ हिस्सा लेंगे। दर्शकों और बाकी लोगों के इस व्यवहार से मैं आश्चर्यचकित हूं। टिकट बिक्री केंद्रों पर खेल प्रेमियों की लंबी कतारें देखकर मुझे बेहद आनंद मिला है। घरेलू दर्शकों का जो उत्साह देखने को मिला है वो बेहद महत्वपूर्ण है। इन सबके अलावा ब्रिटिश एथलीटों द्वारा किए गए प्रचार कार्यक्रम ने दर्शकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

नाकाम खिलाड़ियों पर लगाम कसेगा आस्ट्रिया

आस्ट्रिया ने लंदन में खराब प्रदर्शन कर रहे अपने खिलाड़ियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। पर्यटकों की तरह बिना मेडल लिए लंदन से वापस आने वाले या खराब खेल के चलते हारने वाले खिलाड़ियों को आगे से सरकारी मदद नहीं दी जाएगी। यहां इस संबंध में जल्द ही कानून बनाया जाएगा। आस्ट्रिया अब तक लंदन में एक भी पदक नहीं जीत पाया है जबकि उसके 70 खिलाड़ियों ने 21 स्पर्धाओं में भाग लिया। 1964 के टोक्यो ओलंपिक के बाद यह पहला मौका है जब यह देश खाता खोलने में नाकाम रहा हो। हालांकि 2010 में हुए विंटर ओलंपिक में आस्ट्रिया ने चार स्वर्ण समेत 16 पदक जीते थे।

उद्योग जगत की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा आयोजन

ओलंपिक के दौरान खुदरा और सेवा से जुड़े उद्योगों के मुनाफे में तो बढ़ोतरी हुई है लेकिन यह वैसी नहीं है जैसी उम्मीद लगाई जा रही थी। हाल ही में प्रमुख कंपनियों द्वारा जारी एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि जिन कंपनियों को इस आयोजन से ज्यादा लाभ हुआ है उन्होंने पहले से योजना बनाई हुई थी और उनका लक्ष्य बाहर से आए उपभोक्ता थे। इनमें भी सबसे ज्यादा फायदा यात्रा सेवा देने वाली कंपनियों को पहुंचा है। खुदरा कंपनियां उम्मीद के हिसाब से मुनाफा कमा पाने में नाकाम रहीं। खुदरा कंपनियों ने इसका कारण बताते हुआ कहा कि खेलों के चलते कर्मचारी को परिवहन की समस्या से जूझना पड़ा। इस वजह से हमारे कर्मचारी भी अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाए। इस दौरान कर्मचारी भी अलग-अलग कारणों से अवकाश पर रहे।

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