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संबलपुर में काली पूजा शतवार्षिक ी समारोह 28 को

संबलपुर : स्थानीय बंगाली समाज की ओर से कालीबाड़ी में मां काली की शतवार्षिकी के अवसर पर भव्

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 07:23 PM (IST)
संबलपुर में काली पूजा शतवार्षिक ी समारोह 28 को

संबलपुर : स्थानीय बंगाली समाज की ओर से कालीबाड़ी में मां काली की शतवार्षिकी के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया है। बुधवार और गुरुवार के दिन कलश शोभायात्रा के साथ यहां की अराध्य देवी मां बगलामुखी पूजा, शनिवार 29 अक्टूबर के दिन मां दक्षिण काली पूजा, रविवार 30 अक्टूबर के दिन मां छिन्नमस्तका पूजा, सोमवार 31 अक्टूबर के दिन मातंगी पूजा और पहली नवंबर के दिन मां रक्षा काली की पूजा बंगीया रीती नीति के साथ की जाएगी।

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समारोह आयोजन कमेटी के संयुक्त आवाहक शुभाशीष सरकार के अनुसार, संबलपुर में रहनेवाले प्रवासी बंगला समाज के पुरक अनंदाचरण भट्टाचार्य ने वर्ष 1916 में अपने हाथों से मां काली की मूर्ती बनाया था और संबलपुर में काली पूजा की शुरूआत की थी। इसके दो वर्ष बाद संबलपुर में मां दुर्गा की पूजा शुरू हुई थी। सौ वर्ष पूर्व, संबलपुर में पहली बार काली पूजा के आयोजन में समाज के नवीन चट्टोपाध्याय, सुशील सरकार, जे एन सेन, रमपीररंजन बोस, सत्यवान गुहा और राधिका राय ने अनंदाचरण का सहयोग किया था। इन्हीं पुरखों के सहयोग से कालीबाड़ी का गठन हुआ था और तब से लेकर अब तक कालीबाड़ी में पुतिवर्ष दुर्गापूजा और कालीपूजा के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी तरह, कमेटी के सदस्य नृत्य गुरू रंजन साहु ने इस शतवार्षिकी समारोह के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शतवार्षिकी के उपलक्ष्य में 26 अक्टूबर से कार्यक्रमों की शुरूआत हो गई है। जिसमें 400 से अधिक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।


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