महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा देने पर जोर
जागरण संवाददाता, संबलपुर : नारी शरीर को पुरूषों का सर्वपुरातन उपनिवेश मानने के बजाय
जागरण संवाददाता, संबलपुर :
नारी शरीर को पुरूषों का सर्वपुरातन उपनिवेश मानने के बजाय बदलते दौर में नारी की योग्यता को उसका मापदंड बनाने और समाज में बराबर का दर्जा दिए जाने की आवश्यकता पर वक्ताओं ने अपना मत व्यक्त किया।
अइंठापाली स्थित वीर बिरसा मुंडा मैदान में संबलपुर पुस्तक मेला के चतुर्थ संध्या पर आयोजित संवाद साहित्य घर की ओर से आयोजित एक परिचर्चा में अतिथियों ने नारीवाद पर अपना मत व्यक्त किया। कवि मनोज पंडा के संयोजन में आयोजित इस परिचर्चा में दुर्गा प्रसाद पंडा ने विश्व के समस्त धर्मो एवं धार्मिक संगठनों द्वारा नारी विरोधी रवैये पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नारीवाद मानववाद से अलग नहीं। ऐसे में नारी शरीर को पुरूष का उपनिवेश मानना उचित नहीं होगा। नारीवाद केवल नारी जीवन का अस्तित्व ही नहीं बल्कि इसके साथ विराट मानवता जुड़ी है। समाजसेवी सरोज ने नारीवाद को समाजवाद, दलितवाद एवं अन्य वाद से ऊपर बताते हुए नारीवाद की वकालत की। इस अवसर पर कवियत्री सावित्री पुरोहित और रीतारानी मिश्र ने स्वरचित कविता का पाठ किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सिद्धार्थ पंडा ने किया।