रेशमा को मिला न्याय का आश्वासन
जागरण संवाददाता, संबलपुर :
पिछले कई महीने से अपने बेवफा पति फिरोज हुसैन खान और ससुराल वालों के खिलाफ संघर्ष करने और सरकारी उपेक्षा की वजह से अपने दो मासूम बच्चों के साथ दो बार आत्मदाह की कोशिश करने वाली रेशमा बेगम उर्फ रेखा पंसारी को अब जाकर थोड़ी राहत मिली है। जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से रेशमा बेगम और उसके बच्चों को न्याय दिलाने समेत सरकारी सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया गया है।
गत बुधवार को संबलपुर जिलाधीश कार्यालय में रेशमा बेगम की काउंसिलिंग की गई। इस अवसर पर जिलाधीश बलवंत सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक प्रतीक महांती, अतिरिक्त जिलाधीश ज्योति कुमार लाकरा व एसडीपीओ उत्कल केशरी दास समेत धनुपाली व टाउन थाने के थानेदार उपस्थित थे। रेशमा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि किस तरह निकाह के एक दशक बाद उसके पति फिरोज ने उसकी और बच्चों की उपेक्षा कर दूसरी महिला के साथ घर बसा लिया। उसने यह भी बताया कि वह एक संभ्रांत मारवाड़ी परिवार की बेटी थी, जिसे फिरोज ने बरगलाकर 2002 में निकाह कर लिया और उसका धर्म परिवर्तन कर रेखा से रेशमा बना दिया।
रेशमा ने बताया कि उसकी दो जुडवां बेटी और एक बेटा है। कुछ महीने पहले फिरोज एक बेटी को अपने साथ ले गया। उस बेटी का भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में उसे न्याय और बच्चों के लालन-पालन व पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकारी सहायता की सख्त जरूरत है। रेशमा की आपबीती सुनने के बाद जिलाधीश ने उसे और उसके बच्चों के लिए सरकारी योजना के तहत सहायता दिलाने का वायदा किया, जबकि पुलिस अधीक्षक ने उसे न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।