आनंद योग से सच्चे ईश्वरीय ज्ञान की अनुभूति
जागरण संवाददाता, राउरकेला : अखिल भारतीय संतमत सत्संग ओडिशा शाखा की ओर से बिरजापाली स्ि
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
अखिल भारतीय संतमत सत्संग ओडिशा शाखा की ओर से बिरजापाली स्थित माहेश्वरी भवन में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संत सुरेश महाराज ने अनुयायियों को आनंद योग की साधना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आनंद योग की साधन से सच्चे ईश्वरीय ज्ञान की अनुभूति, आत्म साक्षात्कार, सहज समाधि, आध्यात्मिक चक्रों का जागरण, सुसुप्ति, जीवन मुक्त अवस्था को प्राप्त किया जा सकता है।
संत सुरेश महाराज ने कहा कि परम पिता परमात्मा से एकाकार होने एवं सत्पुरुष से ध्रुववाद तक पहुंचने का दुर्लभ अनुभव भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संतों के मत को ही सत्संग कहते हैं। संत वे उच्च कोटि के महापुरुष होते हैं, जिनकी चित्त वृतियां पूर्णत: शांत हो चुकी हैं। जो निष्काम कर्म करते हुए जीवन अवस्था में जगत के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग के आदि पुरुष महर्षि अष्टवक्र जी महाराज थे जो अपने प्रिय शिष्य संपूर्ण रूप से सद्गुरु के चरणों में समर्पित साधक, राजा जनक को ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर विदेह एवं भोग मे योग के दुर्लभ अनुभव प्राप्त हुआ। संत सुरेश महाराज ने कहा कि संतमत सत्संग द्वारा आनंद योग की साधना में गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी सभी सांसारिक कार्य करते हुए निरंतर परमात्मा की याद बने रहने के साथ सच्ची निष्कामता एवं जीवन में सच्चा आनंद प्राप्त करने का अभ्यास कराता है। संत मत किसी जाति, कुल, धर्म, मजहब, संप्रदाय या देश के लिए खास नहीं है बल्कि सार्वयोगिक मानव मात्र के लिए यह आम पद्धति है। इसे अपनाकर किसी भी संप्रदाय मजहब धर्म के छोटे बड़े अमीर गरीब, साक्षर व निरक्षर अपना जीवन शैली सुधार कर अंतत: ईश्वरी ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के आयोजन में शाखा के प्रमुख व्रजेश कुमार, प्रो. गिरीश पटनायक, अजय नायक, केसी चौधरी आदि लोगों ने अहम भूमिका निभाई।