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पॉलीथिन की सड़क बनेगी स्वच्छता अभियान की पहरूआ

संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल आपने सुना होगा, लेकिन गंदगी

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 06:49 PM (IST)
पॉलीथिन की सड़क बनेगी स्वच्छता अभियान की पहरूआ
पॉलीथिन की सड़क बनेगी स्वच्छता अभियान की पहरूआ

मुकेश कुमार सिन्हा, राउरकेला :

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संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल आपने सुना होगा, लेकिन गंदगी का बेहतर इस्तेमाल थोड़ा अटपटा लगता है। गंदगी को केवल साफ कर उसे नष्ट कर देना ही अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। खास कर तब जब राउरकेला जैसे शहर में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्लांट तक नहीं है। लेकिन राउरकेला महानगर निगम ने बीच का रास्ता निकाला है। अब शहर में इधर उधर फेंका जाने वाली पालीथिन (प्लास्टिक) का इस्तेमाल सड़कों की मरम्मत में किया जाएगा।

महानगर निगम ने प्रयोगात्मक रूप से इस दिशा में कदम भी बढ़ाया है। जिसके नतीजे बेहद उत्साहजनक और ठोस रहे हैं। इस योजना के अच्छे नतीजे सामने आने से उत्साहित निगम अब इसके व्यापक इस्तेमाल की योजना पर काम कर रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में शहर में जितनी भी नई सड़क परियोजनाएं शुरू होंगी उसमें पालीथिन का इस्तेमाल किया जाएगा। निगम के इंजीनियरों की माने तो इसके इस्तेमाल से जिन सड़कों की मरम्मत की गई है वह बाकी सड़कों की तुलना में ज्यादा ठोस नजर आ रही है।

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कैसे हो रहा इस्तेमाल

निगम के सहायक अभियंता अर्जुन चरण साहु ने बताया कि पालीथिन का इस्तेमाल एक खास पद्धति से सड़क की मरम्मत के लिए किया जाता है। इसके तहत बेकार पालीथिन को जमा कर इसे दाने के आकार का बनाया जाता है। इसे 120 डिग्री ताप पर गर्म करने के बाद 100 किलो अलकतरा में 12 किलो दाना मिलाया जाता है। इससे पालीथिन पूरी तरह पिघल कर अलकतरा के साथ मिल जाता है। पालीथिन के प्रभाव से तरल अलकतरा थोड़ा मोटा हो जाता है। इससे क्वालिटी, क्वांटिटी के साथ-साथ सड़क टिकाऊ भी हो जाती है। नतीजतन सड़क की मरम्मत के बाद परिणाम बेहतर आते हैं।

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पर्यावरण के लिए भी अच्छा

निगम के इंजीनियर बताते हैं कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। जो पालीथिन शहर में इधर-उधर फैले रहते हैं। उसका समुचित इस्तेमाल हो जाता है। सड़क के मरम्मत में लगने के कारण इसका पर्यावरण को गंदा करने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। चूंकि यह नष्ट नहीं होता तो इसका इससे बढि़या इस्तेमाल संभव है।

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सड़कों पर हुई 200 पैचिंग

इस तकनीक का इस्तेमाल कर शहर के कोयलनगर, सिविल टाउनशिप व मंगल भवन इलाके की सड़कों पर करीब 200 से अधिक पैचिंग लगाई गई हैं। सहायक अभियंता ने बताया कि सिविल टाउनशिप में करीब 10, कोयलनगर में 120 व मंगल भवन के पास सड़क पर 12 पैचिंग लगाई गई हैं।

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= इंडियन रोड कांग्रेस प्रावधान है जिसके तहत अलकतरा के साथ प्लास्टिक का इस्तेमाल कर सड़क का निर्माण करना है। लिहाजा हमने इसे प्रयोगात्मक रूप से किया और नतीजे अच्छे आये। अब इसे आगे जारी रखा जाएगा।

- अक्षय कुमार मल्लिक, आयुक्त, राउरकेला महानगर निगम


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