कानून संशोधन मालिकों के हित में : सेन
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सेक्टर-16 श्रमिक भवन में सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सेक्टर-16 श्रमिक भवन में सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन ने कहा कि सरकार उद्योग मालिकों के हित को ध्यान में रखकर कानून में संशोधन कर रही है। यह श्रमिकों के हित में नहीं है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए जन वितरण प्रणाली को सार्वजनिक करने की जरूरत है।
राज्य सभा सदस्य व सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महंगाई पर नियंत्रण करने, बेरोजगारों को नियुक्ति, मालिकों के हित में श्रम कानून में संशोधन वापस लेने, समाज काम के लिए समान वेतन देने, लाभदायक सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर 9 अगस्त को अखिल भारतीय स्तर पर कानून अवमानना आंदोलन तथा 2 सितंबर को बीएमएस को छोड़ कर सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियन व फेडरेशन की ओर से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया गया है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर नियंत्रण के लिए जनवितरण प्रणाली को सार्वजनिक करने, सामानों का संग्रह एवं दाम बढ़ने पर बेचने की व्यवस्था खत्म करने, प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी करने, विदेशी सामग्रियों की बिक्री को प्रोत्साहन देना बंद करने का सुझाव दिया। सलेम व भद्रावती इस्पात संयंत्रों को बंद करने की योजना की उन्होंने ¨नदा की।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून में बड़ी संख्या में लोग शामिल नहीं किये गये हैं उन्हें इसमें शामिल करने की व्यवस्था करनी होगी। तपन सेन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया गया था। दो साल में चार करोड़ लोगों के बजाय एक लाख 35 हजार लोगों को ही नौकरी मिल पायी है। 18 जुलाई को केन्द्रीय श्रम मंत्री ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों को बुलाया गया था पर मांगों को गंभीरता से नहीं लिये जाने के कारण कोई हल नहीं निकल पाया। केन्द्र सरकार कृषि, रोजगार, उद्योग समेत किसी भी क्षेत्र में प्रगति नहीं ला पाई है।
सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महंती, राज्य उपाध्यक्ष जहांगीर अली, प्रमोद सामल, विमान माइती, बसंत नायक, राजकिशोर प्रधान, अजय शर्मा, सुरेन्द्र महंती, बासुदेव साहू, एनएन पाणीग्राही, वनमाली राउत, संग्राम सामल, पीपी प्रधान, उमा मुखर्जी आदि ने मीडिया को विभिन्न जानकारी दी।