जाति, भाषा व धर्म से ऊपर है भारतीयता
दिशा एवं उम्माह एजुकेशन एंड वेल्फेयर ट्रस्ट की ओर से राष्
जागरण संवाददाता, राउरकेला : दिशा एवं उम्माह एजुकेशन एंड वेल्फेयर ट्रस्ट की ओर से राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय संघति की भूमिका पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न धर्म संप्रदाय से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए तथा अपने विचार रखे। इस मौके पर इतिहास के प्रोफेसर डॉ. प्रभात कुमार मल्लिक ने कहा कि जाति, भाषा एवं धर्म से ऊपर भारतीयता है। इस माटी की महिमा है जहां विभिन्न धर्म संप्रदाय के लोगों के दिलों में भारतीयता बसी है। साहित्यकार डॉ. मधुसूदन साहा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन भाषण में डॉ. प्रभात कुमार मल्लिक ने सारे जहां से अच्छा ंिहंदुस्तां हमारा है। अनुसंधान से यह प्रमाणित होता है कि हिमालय में देवताओं का वास है। सदियों से देश में विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग इस देश में एक साथ निवास करते रहे हैं। राष्ट्रीय संघति पर संकट को देखते हुए 19 अक्टूबर 1961 में नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल का गठन हुआ था। तब भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इसकी जरूरत थी। देश में विषमता के बावजूद भारत ही ऐसा देश जहां पृथ्वी में स्वर्ग देखा जा सकता है। इसके बावजूद कई बार राष्ट्रीय एकता व अखंडता को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया है पर एकता चाहने वालों के कारण ही एकता बरकरार है। राउरकेला गुरुद्वारा के सचिव बलदेव ¨सह ने कहा कि देवी देवता, फकीर, बुद्धिजीवी जो भी हो, पहले उसे इंसान बनना होगा। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए सभी की सोच में बदलाव लाने एवं मानवता का मूल मंत्र जानने पर जोर दिया। इस मौके पर कवि ग्यास अंजुम, सेंट पॉल स्कूल के पूर्व ¨प्रसिपल फादर फिलिप, यूथ हॉस्टल राउरकेला के अध्यक्ष नारायण पति, संकल्प संस्थान के अध्यक्ष व साहित्यकार डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति आदि ने भी राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता पर अपने विचार व्यक्त किए। दिशा चाइल्ड लाइन के संस्थापक सचिव अबुल कलाम आजाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें उम्माह एजुकेशन एंड वेल्फेयर ट्रस्ट के सकील अहमद, राउरकेला जागरण मंच के ¨रकू सामल एवं अफरोज अहमद समेत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।