शांत हुई ब्राह्मणी, घर लौटे लोग
दो दिन से उफनाई ब्राह्माणी नदी गुरुवार की आधी रात के बाद श
जागरण संवाददाता, राउरकेला : दो दिन से उफनाई ब्राह्माणी नदी गुरुवार की आधी रात के बाद शांत होने लगी। शुक्रवार की सुबह तक जल स्तर कम होने के कारण बाढ़ से प्रभावित लोग अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि बालूघाट के निचले इलाके में कुछ घरों में अभी पानी भरा हुआ है। इलाके में पेयजल व बिजली आपूर्ति बहाल करने व गंदगी से इलाके में बीमारियों से निपटने के लिए प्रशासन व नगरनिगम युद्धस्तर पर जुट गया है। नगरनिगम की ओर से शुक्रवार को कई इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव भी किया गया।
ब्राह्माणी नदी में बाढ़ के कारण दांडियापाली व बालूघाट के आधा दर्जन से अधिक बस्तियों में बुधवार शाम से पानी घुसना शुरू हुआ जो गुरुवार की शाम तक जारी रहा। बालूघाट के पलपल बस्ती, डेडेंग बस्ती, दयानंद नगर, सरदार बस्ती, रूपटोला बस्ती, पहाड़ी बस्ती, दांडियापाली के विश्वकर्मा विहार आदि इलाके के चार सौ से अधिक घर बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए। यहां घरों में पानी घुसने से बड़ी संख्या में लोग सामान लेकर सड़कों एवं सूखे स्थानों पर चले गए थे और बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार कर रहे थे। दांडियापाली बस्ती में अधिकतर मकान पक्के होने के बावजूद निचला तल्ला व सड़कें पानी में डूब गई थीं। पचास से अधिक परिवार के लोग ऊपरी तल्ले तो कुछ परिवार छतों पर शरण लिए हुए थे। बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए प्रशासन की ओर से बालूघाट के विद्युत कॉलोनी स्कूल तथा दांडियापाली में शिविर लगाकर लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया था। एडीएम मोनीषा बनर्जी, उपजिलापाल हिमांशुशेखर बेहरा, तहसीलदार विश्वरंजन रथ, निगम की डिप्टी कमिश्नर सुषमा विलुंग टीम के साथ स्थिति पर नजर रख रही थीं। शुक्रवार की सुबह से ब्राह्माणी नदी का जल स्तर कम होने लगा एवं शाम तक अधिकतर क्षेत्रों से पानी उतर गया। केवल बालूघाट इलाके के कुछ घरों का पानी नहीं निकला। प्रभावित क्षेत्र में गंदगी बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर निगम एवं सेवाभावी संगठनों के कार्यकर्ताओं के द्वारा दवा का छिड़काव किया जा रहा है। इलाके में पेयजल एवं बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। दो तीन दिनों के अंदर इलाके में जन जीवन सामान्य होने की उम्मीद है।