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एक दिन में निलंबित और मुक्त दोनों

ब्रजेश मिश्र, राउरकेला रेलवे चक्रधरपुर मंडल में अजीबोगरीब कारनामा हुआ है। इसे लेकर प

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 06:00 PM (IST)
एक दिन में निलंबित और मुक्त दोनों

ब्रजेश मिश्र, राउरकेला

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रेलवे चक्रधरपुर मंडल में अजीबोगरीब कारनामा हुआ है। इसे लेकर पूरे मंडल में कोहराम मचा हुआ है। रेलवे के अधिकारियों ने राउरकेला में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर को बारह घंटे से भी कम समय के लिए निलंबित करने का अनोखा रिकार्ड कायम कर दिखाया है।

सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत उपेन्द्र कुमार ¨सह को जीएम रेलवे के राउरकेला निरीक्षण के बाद गत 14 सितंबर 2016 को निलंबित कर दिया गया और उसी दिन एक दूसरा पत्र जारी कर निलंबन मुक्त भी कर दिया गया। अब इस कार्रवाई को आधार बनाते हुए सीनियर सेक्शन इंजीनियर उपेन्द्र कुमार ¨सह ने डीआरएम चक्रधरपुर मंडल को लिखित शिकायत की है।

इससे पहले उपेन्द्र ¨सह अपने तबादले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं। आरोप लगाया है कि विभागीय अधिकारियों की ओर से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। चार साल से एसीआर की कॉपी तक नहीं दी गई है। उन्हें कई अवकाश भी नहीं दिए जा रहे। इस मामले में उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखा है। मजे की बात यह है कि निलंबन के मामले में दोनों ही पत्र एक ही अधिकारी द्वारा महज बारह घंटे के अंदर जारी किए गए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी मामले में दोषी है और उसे उसकी गलती के लिए सजा दी गई है तो फिर महज बारह घंटे के अंदर उसे सजा से बरी कैसे कर दिया गया? और अगर निर्दोष है तो उसे सजा कैसे दी गई।

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सीनियर सेक्शन इंजीनियर का आरोप

रेलवे राउरकेला में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत उपेन्द्र कुमार ¨सह ने दैनिक जागरण से कहा कि 13 सितंबर को जीएम के राउरकेला निरीक्षण के दौरान जिस गलती के लिए उन्हें निलंबित किया गया, वह गलती उन्होंने की ही नहीं। बारिश के समय प्लेटफार्म नंबर चार पर पानी गिर रहा था। उसे ठीक कराने के लिए उन्होंने 18 जून 2015 को ही 90 लाख रुपये का प्रस्ताव विभाग को भेज दिया। इसके अलावा 23 जून और 30 जून 2016 को भी विभागीय पदाधिकारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर पत्राचार किया गया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सबकुछ जानते हुए भी विभागीय अधिकारियों की ओर से उन्हें प्रताड़ित करने के लिए निलंबन की कार्रवाई की गई।

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कोट :-

हम फिलहाल पूरे मामले को देख रहे हैं। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, हम कुछ नहीं कह सकते। जांच पूरी होने के बाद दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- अमित कंचन, सीनियर डीइएन को-ऑर्डिनेशन, सीकेपी


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