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तेज हुई संभावित तूफान कैंट से निपटने की तैयारी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संभावित तूफान कैंट से निपटने क

By Edited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 02:46 AM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 02:46 AM (IST)
तेज हुई संभावित तूफान कैंट से निपटने की तैयारी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संभावित तूफान कैंट से निपटने के लिए मंगलवार को सचिवालय में तैयारी बैठक की है। उन्होंने सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में राजस्व मंत्री के साथ ही मुख्य सचिव व डीजीपी भी उपस्थित थे। इसके अलावा राजस्व, खाद्य आपूर्ति, ग्राम्य विकास, जल संपदा, स्कूल एवं जनशिक्षा, कृषि तथा अन्य विभागों के सचिव भी शामिल हुए। तूफान के समय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व उनकी सुरक्षा पर भी चर्चा हुई।

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सीएम ने वीडीओ कांफ्रेंसिंग के जरिए तटीय जिलों के साथ ही अन्य जिलों के जिलाधीशों के साथ भी चर्चा की। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक म्यांमार की तरफ तूफान बढ़ रहा है। वर्तमान समय में वह ओडिशा का तटीय इलाका गोपालपुर से 760 किमी. की दूरी पर है। 12 घटे में यह सक्रिय होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा।

ओडिशा में इसका प्रभाव कितना पड़ेगा उसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। म्यांमार तट पर पहुंचने के बाद इसे वहा से दिशा बदलकर 27 अक्टूबर को तट से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की तरफ मुड़ने की संभावना है। 26 एवं 27 अक्टूबर को राज्य में तेज हवा के साथ भारी बारिश की भी संभावना है। राज्य के तटीय जिलों में 45 से 55 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इससे राज्य के 11 जिले प्रभावित हो सकते हैं।

केंद्रापड़ा में 120 आश्रय स्थल

बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र कैंट के तूफान में तब्दील होने पर इसका प्रभाव तटीय जिले केंद्रापड़ा में ज्यादा पड़ने की संभावना है। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से निचले इलाके में रहने वाले लोगों को हटाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया गया है। केंद्रापड़ा जिलाधीश देवव्रत प्रसाद दास ने जिले के अधिकारियों के साथ आपात बैठक करते हुए उन्हें किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जिले के सरकारी कर्मचारियों का अवकाश रद कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्यालय छोड़कर न जाने की हिदायत भी दी गई है। तहसीलदारों व बीडीओ को आश्रय स्थल पर सूखा खाद्य तथा नाव तैयार रखने के लिए कहा गया है। जिले के राजनगर एवं महाकालपड़ा ब्लॉक के 28 पंचायतों के 143 गांवों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है।

मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत

तूफान को लेकर गोपालपुर बंदरगाह पर मछुआरों में भय व्याप्त है। यहा पर मौसम विभाग ने एक नंबर खतरे का निशान लगा दिया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी। तूफान की संभावना के बाद गोपालपुर में समुद्र के तटीय इलाके रंगेईलुंडा एवं चिकिटी ब्लॉक अंतर्गत तटीय गाव सोनपुर, पातीसुनपुर, सुमांडी, गारामपेटा, रामेयापाटणा, बक्सीपाली, आर्यपाली व गोलाबंध आदि गाव के लोगों में दहशत का माहौल देखा गया। स्थानीय मछुआरों का कहना है कि पिछले दो दिन से यहा समुद्र अशात रह रहा है। इससे वे अभी से अपनी नावों को सुरक्षित स्थान पर रखने में जुट गए हैं।

सरकार है तैयार : एसआरसी

कैंट का प्रभाव कितना रहेगा यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके बावजूद संभावित स्थिति का सामना करने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार है। आइएमडी दिल्ली कार्यालय के साथ संपर्क किए जाने की बात विशेष रिलीफ कमिश्नर (एसआरसी) प्रदीप्त महापात्र ने कही। उन्होंने कहा कि तूफान के लिए तटीय एवं इसके आसपास के जिलों के जिलाधीशों को सतर्क रहने के लिए सलाह दी गई है। इसके अलावा कंट्रोल रूम खोलने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि ओड्राफ एवं फायर सर्विस यूनिट को सतर्क कर दिया गया है। इससे लोगों को भयभीत न होने की सलाह दी गई है।

साइक्लोन वार्निंग मुख्य मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि समुद्री तूफान पोर्टब्लेयर से 520 किमी. की दूरी पर है। यह उत्तर दिशा की तरफ गति कर रहा है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा गति परिवर्तित होगी। तूफान 27 अक्टूबर की सुबह उत्तर पूर्व बंगोपसागर में पहुंचेगा।

फायर स्टेशनों को किया गया सतर्क

चीफ फायर ऑफिसर सुकांत सेठी ने कहा कि तूफान 11 जिलों में प्रभाव डालेगा। इसके लिए 11 जिलों को पांच जोन में विभक्त किया गया है। प्रत्येक जोन में एक डिप्टी फायर ऑफिसर तैनात किया जाएगा। 11 जिलों में मौजूद फायर स्टेशनों को सतर्क रहने को निर्देश दिया गया है।


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