माता-पिता की सेवा से समृद्धि : शर्मा
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
स्थानीय महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भागवत कथा का श्रवण करने के लिए भारी संख्या में भागवत प्रेमियों की भीड़ जुट रही है। जिसमें कोलकाता से पधारे कथा वाचक परमपूज्य आचार्य संतोषजी शर्मा के मुखारविंद से भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन भक्तों को भक्ति रस में सराबोर कर रहा है। भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों में राम जन्म उत्सव, कष्ण जन्म उत्सव तथा नंद उत्सव प्रसंग ने श्रद्धालुओंको भावविभोर कर दिया।
श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिवस पर शनिवार को कथा वाचक संतोषजी शर्मा ने मातापिता की सेवा, सत्कर्म, सत्य की महता आदि विषयों पर अपना सारगर्भित व रोचक वक्तव्य रखा। उन्होंने कहा कि असत्य पर सत्य की हमेशा से जीत होती रही है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का स्वभाव ऐसा होता है कि वह अपने दुख से दुखी होने के बजाय दूसरे के सुख से दुखी रहता है। उन्होंने मातापिता की सेवा को भगवान की सेवा बताते हुए कहा कि उनकी सेवा से ही सुखसमद्धि आती है, जबकि उनका अपमान होने से लक्ष्मी रुठ जाती है। इसके समेत उन्होंने रामायण का उदाहरण देकर राम और भरत की भांति भाईयों में उनकी भांति ही भातृ भाव रखने पर जोर दिया। ईगरावाला सिंघल परिवार की ओर से महाराजा अग्रसेन भवन में अपराह्नं तीन से शाम सात बजे तक आयोजित भागवत कथा में भागवत के विभिन्न प्रसंगों का श्रवण करने बड़ी संख्या में भागवत प्रेमियों की भीड़ जुट रही है। े
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