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देवचरण व कमल ने थामी शिक्षा की मशाल

ओडिशा के राजगांगपुर में शिक्षा प्रेमी के रूप में पहचान है दो नाम देवचरण राय व कमल अग्रवाल। इन लोगों

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 06:53 PM (IST)
देवचरण व कमल ने थामी शिक्षा की मशाल

ओडिशा के राजगांगपुर में शिक्षा प्रेमी के रूप में पहचान है दो नाम देवचरण राय व कमल अग्रवाल। इन लोगों ने शिक्षा की मशाल थाम रखी है। निर्धन व असहाय बच्चों की शिक्षा में मदद इनका मकसद बन गया है। स्कूल-कालेजों में प्रवेश को लेकर पैसे की तंगी व किताबों की किल्लत को लेकर जो भी इनके पास पहुंचता है, वो निराश होकर नहीं लौटता।

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मदद के लिए हर वक्त तत्पर

अंचल के निर्धन परिवार की छात्राओं की शिक्षा की ललक पूरी करने राजगांगपुर के पुष्पक स्टूडियो के मालिक देवचरण राय का प्रयास प्रशंसनीय है। वे दसवीं कक्षा की निर्धन छात्राओं को पाठ्य पुस्तकें समेत पठन-पाठन की अन्य सामग्री प्रदान करते हैं। प्रत्येक शिक्षा वर्ष से पूर्व वह अंचल के स्कूलों में जाकर प्राचार्य से निर्धन छात्राओं की जानकारी लेते हैं व उनमें पाठ्य पुस्तकों का वितरण करते हैं। प्रत्येक वर्ष औसतन 25 निर्धन छात्राओं की मदद देवचरण राय करते हैं। यह कार्य वे विगत एक दशक से कर रहे हैं।

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गरीबी को शिक्षा पर बोझ नहीं बनने देते कमल

गरीबी शिक्षा में बाधक बने, यह शहर के समाजसेवी कमल अग्रवाल को गवारा नहीं। जिस किसी को भी शिक्षा के लिए गरीबी बोझ लगती है, उनकी गरीबी का बोझ उठाने वे सदैव तत्पर रहते हैं। शिक्षा हो अथवा अन्य कोई सामाजिक कार्य, जिसने भी कमल से सहयोग मांगा, वो कभी खाली हाथ नहीं लौटा। राजगांगपुर व आसपास अंचल की प्रीति यादव, पिंकी भोई, छंदारानी मांझी, बासंती तिर्की, सुस्मिता आदि उनके सहयोग से ही उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए विभिन्न स्कूल-कालेजों में अध्ययनरत हैं।

रिपोर्ट कमलेश दाहिमा की


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