.. जग में होगा उजियारा
ले लो ये पुस्तक। जान-समझ लो भारतीय संस्कृति। फिर तुम्हारे ज्ञान का प्रकाश पुंज दूर-दूर तक फैलेगा। जग
ले लो ये पुस्तक। जान-समझ लो भारतीय संस्कृति। फिर तुम्हारे ज्ञान का प्रकाश पुंज दूर-दूर तक फैलेगा। जग में होगा उजियारा। कुछ इसी सोच से ओत-प्रोत राधा मोहन साहू का कदम रोजाना घर से बाहर की ओर पड़ता है। जो उनसे रू-ब-रू होता है, वह उनकी झोली (झोला पुस्तकालय) से निकले भारतीय धर्म साहित्य का हकदार हो जाता है। साहू खासकर छात्रों में लगातार 10 वर्षो ज्ञान की अलख जगा रहे हैं।
शहर में कौन नहीं जानता 'झोला पुस्तकालय'
इस्पात नगरी राउरकेला में राधा मोहन साहू का 'झोला पुस्तकालय' भला कौन नहीं जानता। वे लगभग हर धार्मिक व सामाजिक समारोहों में नजर आ जाते हैं। अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय सदस्य साहू अपने धुन में रमे रहते हैं। जो कोई उनसे मिलता, वे अपने चलता फिरता 'झोला पुस्तकालय' से फौरन समाज में फैली बुराइयों को दूर करने वाली एक पुस्तक उसे थमा कर चल देते हैं। उनका यह अभियान कई शैक्षिक संस्थानों के हजारों छात्रों को भारतीय संस्कृति से जोड़ा है। पुराने साहित्य एकत्र करना व उन्हें दूसरों को पढ़ने के लिए देना अब उनकी दिनचर्या है।
वेद मूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के साहित्य स्कूल, तीर्थ स्थल व रथयात्रा के दौरान व लोगों तक दौड़-दौड़कर पहुंचाते हैं। देव संस्कृति विश्वविद्यालय की भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों को शिक्षादान कर इसकी तैयारी कराते हैं। सून एजुकेशनल पब्लिकेशन, डर्बी इंग्लैंड के लिए हर महीने साहित्य भेज कर सद्ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
सेवा की बदौलत मिला पुरस्कार
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के सप्त क्रांति आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े साहू वर्षो से नि:स्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इसके लिए शांति कुंज हरिद्वार, गायत्री शक्तिपीठ सेक्टर-2 समेत कई संगठनों से प्रशंसापत्र व पुरस्कार उन्हें मिल चुके हैं।
समय दान के लिए बुलावा
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुल सचिव डा. चिन्मय पांड्या ने उन्हें दिसंबर 2014 को समय दान के लिए शांतिकुंज हरिद्वार आमंत्रित किया है।
रिपोर्ट महेन्द्र कुमार महतो की