मशरूम खेती के प्रशिक्षण में चार करोड़ का घोटाला
जागरण संवाददाता, राउरकेला: पानपोष समन्वित आदिवासी विकास संस्था, आइटीडीए द्वारा ग्रामीणों को मशरूम
जागरण संवाददाता, राउरकेला:
पानपोष समन्वित आदिवासी विकास संस्था, आइटीडीए द्वारा ग्रामीणों को मशरूम खेती का प्रशिक्षण देने के मामले में चार करोड़ रुपयों की धांधली की बात सामने आई है। इस मामले में विजिलेंस विभाग ने नुआगांव ब्लाक के मंगल संप्रसारण अधिकारी, डब्लूईओ पूर्णचंद्र मांझी तथा एनजीओ पेवा के प्रोजेक्ट निदेशक सीमांचल बारिक को गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट चालान किया। विजिलेंस विभाग ने आइटीडीए कार्यालय में कागजातों की जांच जारी रखी है। जिससे इस घोटाले में अन्य कई लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
पानपोष आइटीडीए के अंतर्गत नुआगांव ब्लाक में आर्थिक वर्ष 2012-13, 2013-14 में स्थानीय ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने मशरूम की खेती करने प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से चार करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई थी। जिसमें एनजीओ पेवा की माध्यम से ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने की बात दर्शाई गई थी। इसी बीच विजिलेंस विभाग को इसमें व्यापक धांधली की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई थी। जांच के तहत नुआगांव ब्लाक के बागडेगा व झरियाटोला में विजिलेंस की टीम ने स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ की। जिसमें पता चला कि मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन-जिन ग्रामीणों का नाम दिया गया है, उस नाम के कोई भी ग्रामीण यहां नहीं रहते। जिससे इन ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने के नाम पर चार करोड़ की राशि का घोटाला होने की बात पता चली। इसके बाद विजिलेंस विभाग के डीएसपी पुरुषोत्तम सेठी, इंस्पेक्टर पीके आइंद की अगुवाई में उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर संबलपुर स्थित विजिलेंस कोर्ट भेजा गया ।