मुकदमे में फंसे लोग लोक अदालत का लाभ लें : मिश्र
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राष्ट्रीय लोक अदालत में राउरकेला के विभिन्न कोर्ट में वर्षो से लंबित द
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
राष्ट्रीय लोक अदालत में राउरकेला के विभिन्न कोर्ट में वर्षो से लंबित दस हजार से अधिक मुकदमों का निपटारा होगा। छोटे मोटे मुकदमे में वर्षो से फंसे लोगों से इसका लाभ लेने का अनुरोध करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण की पानपोस इकाई के पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी दी और कहा कि कीमती समय और आर्थिक बचत में यह मददगार साबित होगी।
विधिक सेवा प्राधिकरण पानपोस इकाई के प्रमुख अध्यक्ष विरंचीनारायण मिश्र ने शुक्रवार की शाम मीडिया से बातचीत करते हुए 6 दिसंबर को प्रस्तावित लोक अदालत की विस्तृत जानकारी दी। कोर्ट परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर देश भर में उस दिन राष्ट्रीय लोक अदालत लगेगी। जिले भर के विभिन्न कोर्ट में लंबित निपटारा होगा। राउरकेला के विभिन्न कोर्ट में ऐसे दस हजार मुकदमे चिन्हित किये गये हैं जिन्हें इस लोक अदालत में शामिल किया गया है। आपसी सुलह के आधार पर सभी फौजदारी व दीवानी मामला, चेक बाउंस, दुर्घटनाजनित क्षतिपूर्ति, पारिवारिक व वैवाहिक विवाद के मामले, राजस्व व श्रमिकों, नौकरी, टैक्स आदि से जुड़े मामले का इस लोक अदालत में समाधान होगा। राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की कामना करते हुए छोटे मुकदमे में फंसे लोग आवश्यक जानकारी के लिए राउरकेला कोर्ट परिसर स्थित विधिक सेवा प्रकोष्ठ से संपर्क कर सकते हैं। उन मुकदमों को भी पूरी तरह से खत्म किया जायेगा जिनके पास वर्षो से सम्मन जा रहा है और आरोपियों का अता-पता नहीं है। वहीं शिकायत कर्ता द्वारा मामले को वापस लेने पर भी मामले का निपटारा होगा। दुर्घटना जनित क्षतिपूर्ति के सौ से अधिक मामलो का उस दिन निपटारा होगा जिसमें साढ़े तीन करोड़ से अधिक भुगतान पर सहमति विभिन्न बीमा कंपनियो ने दी है। दुर्घटना से जुड़े एमएसीटी केस क्रमांक 44-2012 एक ऐसा मामला है जिसमें फरियादी विजय मिश्र का एक दुर्घटना में एक पांव कट जाने के बाद बीमा कंपनी अधिकतम चार लाख रूपए देने को तैयार था लेकिन कोर्ट की पहल पर पीड़ित को साढ़े सात लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने को तैयार हुआ। मीडिया से बातचीत के दौरान न्यायिक विभाग के वरीय पदाधिकारियों में प्रताप पात्र, ललाटेन्दु जेना, मिनती पंडा, सुवर्ण मिश्र, सस्मिता त्रिपाठी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।