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मां ही होती है शिशु की प्रथम गुरु

जागरण संवाददाता, राउरकेला: शारदीय नवरात्रि तथा दुर्गोत्सव के पावन अवसर पर सेक्टर-7 स्थित चिन्मय ब

By Edited By: Published: Mon, 29 Sep 2014 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 29 Sep 2014 07:33 PM (IST)
मां ही होती है शिशु की प्रथम गुरु

जागरण संवाददाता, राउरकेला:

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शारदीय नवरात्रि तथा दुर्गोत्सव के पावन अवसर पर सेक्टर-7 स्थित चिन्मय बाल भारती में मातृ पूजा का आयोजन किया गया। इस पूजा में माता को देवी का रूप तथा शिशु का प्रथम गुरु बताया गया।

रविवार की सुबह इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ताओं ने कहा कि महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा के पावन अवसर पर माता के सम्मान में मातृ पूजा को सुखद अहसास बताया। उन्होंने कहा कि मां ही शिशु की प्रथम गुरु होती है तथा मां के आशीर्वाद से ही आज का शिशु आगे चलकर महान इंसान बनता है। इस कार्यक्रम में सौ से भी अधिक माताएं शामिल हुई थी। जिसमें नौनिहालों ने माताओं की पूजा कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस कार्यक्रम में समाजसेवी मंजूला महंती, ्रप्रकाश चंद्र सेठी ने भारतीय संस्कृति पर आधारित इस तरह के कार्यक्रम की प्रशंसा की। प्रधान शिक्षिका दीप्ति महंती की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम ब्रह्मचारी पार्थ चैतन्य का सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों में सर्वाणी महंती, कृष्णप्रिया मिश्र, संयुक्ता दाश, झरना महाकुल, कविता रथ, लक्ष्मीप्रिया महंती, विजयलक्ष्मी दास, स्मिता दास, ज्योतिश्री जेना, कविता प्रधान, नकुलचरण महाराणा, शत्रुघ्न गिरी, ज्योति मिश्र, गीतांजलि महंती, सुदर्शन पृष्टि, कैलाश परिडा, जान लकड़ा, महिमा राजहंस, राखी आदि का सहयोग रहा।


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