चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी ने की पुनर्वास की पहल
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
फर्टिलाइजर के कइंथाबासा बस्ती में माता पिता की मौत के बाद चार बच्चे अनाथ हो गये हैं। सोमवार को बस्तीवासियों के अनुरोध पर चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी की अध्यक्ष बबीता महापात्र व सदस्य डा. अक्षय सामल वहां पहुंचकर अनाथ बच्चों के पुनर्वास की पहल शुरू की।
पति की सात साल पहले मौत के बाद 40 वर्षीय दशमणि बिंधाणी अपने चार बच्चे संजय, अजय, बाबू व सुनीता को लेकर कइंथाबासा बस्ती में रहती थी। दूसरे के घरों की साफ सफाई कर जो पैसे मिलते थे उसी से उनका गुजारा चलता था। पक्षाघात के कारण दशमणि का एक पांव काम नहीं करता था एवं उसके पास इलाज के पैसे भी नहीं थे। रविवार की सुबह वह फिर पक्षाघात का शिकार हो गई एवं चल बसी। बच्चों को यह भी मालूम नहीं था कि उनकी मां को क्या हुआ है और उनका भरण पोषण कैसे होगा? इसकी सूचना मिलने पर समाजसेवी अशोक कुमार पटनायक, विजय सोनार, विश्वनाथ नायक, यदुनाथ भंज आदि लोग उसे घर पहुंचकर दशमणि का अंतिम संस्कार किया। इन्होंने चार अनाथों का किसी आश्रम में पुनर्वास के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया है। सोमवार को अपराह्न में चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी की अध्यक्ष बबीता महापात्र व सदस्य डा. अक्षय सामल मौके पर पहुंचकर स्थिति से अवगत हुए। उन्होंने बताया कि मां के श्राद्ध कार्य के बाद बड़े बेटे को शिशु श्रमिक विद्यालय में दिया जायेगा। बेटी को चाइल्ड लाइन के जरिये सेवाभावी संगठन दिशा को तथा दो छोटे बच्चों को राउरकेला शिशु भवन में देने का प्रयास किया जा रहा है।