कांग्रेस के अंग्रेजी प्रेम के कारण संस्कृत को नहीं मिला उचित मुकाम : पंडा
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : पहले तो संस्कृत अपना उचित स्थान नहीं पा सकी क्योंकि भारत अंग्रे
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
पहले तो संस्कृत अपना उचित स्थान नहीं पा सकी क्योंकि भारत अंग्रेजों के अधीन था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी देश की सभी भाषाओं की जननी होने के बावजूद संस्कृत को उचित मुकाम नहीं मिलने का एकमात्र कारण कांग्रेस के अंग्रेजी प्रेम को बताया एवं 60 वर्षों तक सत्ता में रहने वाले इस दल ने संस्कृत को एक क्लिस्ट भाषा कहकर हमेशा इसे आमलोगों से दूर रखा। उक्त बातें स्थानीय विधायक राधारानी पंडा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन संस्कृत भारती उत्कल द्वारा आयोजित प्रांतीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर कहीं।
स्थानीय शिशु मंदिर में मंगलवार से शुरू हुए तथा आगामी तीन जून तक चलने वाले इस शिविर में प्रदेश के 28 जिलों से 170 शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे तथा 25 प्रशिक्षक उन्हें प्रशिक्षित करेंगे। शिविर में संस्कृत संभाषण पर विशेष जोर दिया जाएगा। संस्कृत भारती की उपाध्यक्ष नृ¨सह चरण पंडा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के मुख्य वक्ता का दायित्व पुरी स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के प्रोफेसर डॉ. रमाकांत मिश्र ने निभाया। संस्कृत भारती के सचिव आयुस्मंत षडंगी, प्रांतीय महिला प्रमुख दमयंती कर, शिक्षण प्रमुख मानस साहू, रमाकांत सा, नंदलाल रावलानी व नंदकिशोर प्रधान भी इस मौके पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अजीत कुमार पंडा ने संस्कृत भाषा में किया एवं अंत में सह सचिव सुरेश महंती ने धन्यवाद ज्ञापन किया।