अभियंताओं ने लिया केलो नदी पर बने बांध का जायजा
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महानदी एवं इसकी सहायक नदियों पर बनाए
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महानदी एवं इसकी सहायक नदियों पर बनाए गए छोटे- बड़े सैकड़ों बांध से राज्य में पानी की समस्या जटिल होने के बाद अब राज्य सरकार की नींद खुली है। महानदी एवं इसकी सहायक नदियों का जल सिर्फ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रयोग किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
एक टीम के दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे को ध्यान में रखते हुए शनिवार को हीराकुद बांध के मंडल अधीक्षण अभियंता हरमोहन प्रधान एवं सहायक अभियंता अश्विनी चौधरी ने रायगढ़ के नजदीक महानदी की सहायक नदी केलो नदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए बांध का निरीक्षण किया। ज्ञात हो कि केलो नदी छत्तीसगढ़ से निकलकर ओडिशा में कनकतोरा के पास महानदी से मिलती है। हीराकुद बांध के दोनों अधिकारियों ने पहले कनकतोरा सरपंच दिलीप साहू से केलो नदी के बारे में जानकारी ली एवं बाद में रायगढ़ स्थित केलो बांध कार्यालय पहुंचकर डैम के विषय में विस्तृत जानकारी हासिल की। इसके पश्चात डैम के उच्चाधिकारियों मीनकेतन राठिया, नित्यानंद शास्त्री तथा आरएन शर्मा के साथ जाकर केलो बांध का जायजा लिया। अधिकारियों को जानकारी मिली कि इस डैम की जलधारण क्षमता 230.8 मीटर की है। ज्ञात हो कि इस बांध का निर्माण कार्य 2009 में संपन्न होने के छह वर्षों बाद ओडिशा सरकार की नींद खुली है। नौ जुलाई को सांसद डॉ. प्रभाष ¨सह ने भी इस बांध का जायजा लिया था।