आठ वर्ष बाद अनाथ आश्रम से अपने घर लौटे भाई-बहन
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा- ब्रजराजनगर : आठ वर्षों की लंबी अवधि तक बेलपहाड़ के ठक्कर ब
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा- ब्रजराजनगर : आठ वर्षों की लंबी अवधि तक बेलपहाड़ के ठक्कर बापा अनाथ आश्रम के रहने के उपरांत मंगलवार को भाई-बहन उर्वशी एवं अखिल को अपने पिता रमेश बेहेरा के घर लौटने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जानकारी मुताबिक जोराबगा निवासी रमेश बेहेरा एवं उसकी पत्नी पदमा बेहेरा की आपसी कलह की वजह से दोनों अलग- अलग रहने लगे थे। मां पदमा ने उर्वशी व अखिल को अपने पास रखा। कुछ समय उपरांत गांव की भारती नामक एक महिला ने दोनों बच्चों को बेलपहाड़ के अनाथ आश्रम में यह कहकर भर्ती करा दिया कि बच्चों के मां बाप नहीं है एवं वे अनाथ है। इस घटना के बाद आठ साल हो गए एवं तब से दोनों बच्चे अनाथ आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उर्वशी ने मैट्रिक पास करके अपना दाखिला इंटर में ले लिया है, जबकि अखिल सातवीं का छात्र है। बताया गया है कि वर्ष 2014 में मां पदमा बेहेरा ने अनाथ आश्रम पहुचंकर अपनी बेटी उर्वशी को ले जाना चाहा लेकिन उर्वशी द्वारा कहा गया कि मां के साथ जाने से उसकी जान को खतरा है। तब पदमा को खाली हाथ लौटना पड़ा था। बाद में कुछ दिनों पूर्व जब पिता रमेश बेहेरा अनाथ आश्रम पहुंचे तो दोनों बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा एवं वे उसके साथ जाने को राजी हो गए। बाद में जिला शिशु सुरक्षा यूनिट को जानकारी दी गई एवं आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी करने के उपरांत दोनों बच्चों को उसके पिता रमेश के हवाले कर दिया गया। अपने पिता एवं चाची के साथ आठ वर्षों के के बाद वापस अपने घर लौटते वक्त दोनों बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था।