वृद्धा को चिकित्सा के नाम पर यातना देने का आरोप
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला मुख्य चिकित्सालय में एक वृद्ध महिला को एक कमरे में बंद
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा :
झारसुगुड़ा जिला मुख्य चिकित्सालय में एक वृद्ध महिला को एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लाकर उसकी चिकित्सा करने की घटना को लेकर स्वयं सेवी संस्था फाइट फोर राइट ने इसका तीव्र विरोध कर अपनी प्रतिक्रिया जतायी है।
फाइट फोर राइट ने कहा कि एक वृद्ध महिला को इलाज के नाम पर एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगाकर रखना व उसे खाना पीना नहीं देना यह जिला चिकित्सालय में इलाज का तरीका है। क्या ये वृद्धा के साथ चिकित्सा के नाम यातना दिया जाना नहीं है? फाइन फोर राइट के अध्यक्ष मनमोहन ¨सह ने बताया कि उन्हे चिकित्सालय के एक कमरे में बंद एक वृद्ध महिला को बंद कर रखने की सूचना मिली थी। इसके बाद वे अपने संगठन के अन्य सदस्यों के साथ चिकित्सालय पहुंचे और यहां उपस्थित डाक्टर से पूछा कि क्यों व किस वजह से उस वृद्ध महिला को कमरे में ताला लगाकर रखा गया है तब डाक्टरों ने उत्तर नहीं दे पाएं। उक्त कमरे के ताले की चाबी को खोजने में ड्यूटी पर तैनात नर्सों को ठेढ़ घंटे लगे तब जाकर ताला खोला गया। संगठन की ओर से अध्यक्ष श्री ¨सह ने सीडीएमओ से भी इस संबंध में बात करने की कोशिश तब उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं चला है। उक्त घटना ने एक बार फिर से जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्था व अधिकारी कर्मचारियों की मनमर्जी कार्यकलाप की पोल खोल दी है। विदित हो कि उक्त वृद्ध महिला का कोई नहीं है उसे कई दिनों से चिकित्सालय में स्थित लावारिश के कमरे में रखा गया था मगर दो दिन से उसे अलग कमरे में रखा गया था। संगठन के सदस्यों की पहले से उक्त वृद्ध महिला को आजाद कराया गया और उसकी चिकित्सा पुन: आरंभ की गई है।