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टूटे खपरैल के नीचे चल रहीं समन्वय समिति

जागरण संवाददाता,झारसुगुड़ा : कोलाबीरा प्रखंड स्थित चारों समन्वय समिति जर्जर व पुराने घरों में टूटे खप

By Edited By: Published: Tue, 16 Dec 2014 06:50 PM (IST)Updated: Tue, 16 Dec 2014 06:50 PM (IST)
टूटे खपरैल के नीचे चल रहीं समन्वय समिति

जागरण संवाददाता,झारसुगुड़ा : कोलाबीरा प्रखंड स्थित चारों समन्वय समिति जर्जर व पुराने घरों में टूटे खप्पर के नीचे चल रही हैं।

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कुछ दिनों बाद धान की फसल की खरीदी आरंभ होने वाली है और पूर्व के वर्षो की भांति इस वर्ष भी समन्वय समिति के माध्यम से धान की खरीदी की जानी है। प्रत्येक समन्वय समिति धान की खरीदी कर अपने गोदाम में जमा रखने के साथ बाद अपने खर्च से धान उठाएंगी। सरकार द्वारा कुछ दिन पूर्व ही यह घोषणा की गई है। धान खरीदी में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ही सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है मगर आशंका है कि उक्त सरकारी नियम कोलाबीरा प्रखंड में कागजों तक ही सीमित रह जाएगी, क्योंकि कोलाबीरा प्रखंड की चारों समन्वय समिति के गोदाम पुराने व जर्जर अवस्था में हैं। प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का व्यवसाय करने वालरी समन्वय समिति की सुरक्षा व देखरेख के प्रति सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कोलाबीरा प्रखंड के परमाणपुर, कोलाबीरा, सामासिंधा व झिलापाली स्थित चारों समन्वय समिति कार्यरत हैं और उक्त चारों समन्वय समिति के घर 50 वर्ष पुराने हैं, जिनके खप्पर भी टूट गए हैं और गोदाम जर्जर हो चुका है। वहीं समिति के अधीन कोलाबीरा व झिलापाली में दो मिनी बैंक भी कार्यरत हैं मगर ग्राहकों के रुपये का हेरफेर करने की घटना के बाद गत एक वर्ष से झिलापाली निजी बैंक को बंद कर दिया गया है। उक्त दोनों बैंकों में लाखों रुपये का कारोबार होता है मगर इसके बावजूद उक्त समितियों की सुरक्षा के प्रति सरकार लेशमात्र भी ध्यान नहीं दे रही है। समिति के अधिकारी इस चिंता में हैं कि कैसे हजारों किसानों से धान खरीदकर समिति के जर्जर गोदाम में रखेंगे। उन्होंने इस संबंध में प्रशासन से समिति गृह व गोदाम की मरम्मत कराने की मांग की है।


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