झाडेश्वर मंदिर में विरल पक्षियों का डेरा
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : आजकल पक्षी-पक्षियों की वृद्धि बहुत कम दिखाई पड़ती है। कुछ वर्ष पहले पक्षी-पक्षियों की वृद्धि इतनी होती थी कि सुबह व शाम उनके चहकने की आवाज से घर गूंज उठता था। गत कुछ वर्षो से झारसुगुड़ा जिले के प्रसिद्ध शिव पीठ झाडेश्वर मंदिर परिसर में एक विरल प्रजाति के पक्षी आकर रह रहे हैं। इसी मंदिर के अंदर लगे पेड़-पौधों में कुछ वर्ष पहले बगुला समेत अन्य पक्षियों ने भी अपना डेरा बनाया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि ये विरल पक्षियों इन्हीं पेड़-पौधों पर अपने अंडे देते हैं और बच्चे के जन्म होने तक यहीं रहते हैं। बच्चे का जन्म होते हंी ये विरल पक्षी पुन: यहां से चले जाते हैं। यह सिलसिला पिछले तीन-चार वर्ष से चला आ रहा है। ये विरल पक्षी प्रति वर्ष मई व जून के महीने में आते हैं और सितंबर महीने के अंत तक वापस लौट जाते हैं। इस संबंध में पर्यावरणविद् आशीष शुक्ला ने बताया कि ये पक्षी किसानों के मुख्य पर्व अक्षय तिथियों के समय यहां आते हैं। वही शशि तिवारी ने बताया कि इस तरह के विरल पक्षी बड़े जलाशय के पास स्थित पेड़ों पर रहते हैं और खेतों के पानी में रहने वाले वाले छोटी-छोटी मछली, केकड़ा व अन्य कीड़े मकोड़े को खाकर अपना जीवन निर्वाह करते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के पक्षी भारत के अलावा श्रीलंका व इंडो चाइना में भी पाये जाते हैं। इनका पंख काला व पैर लंबा होता है और इनके आगमन से लोग समझ जाते हैं कि अब वर्षा ऋतु का आगमन होने वाला है। वहीं दूसरी ओर इन विरल पक्षियों का शिकार न हो सके इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर विशेष ध्यान जाने की आवश्यकता है।