धउंरामुंडा में जलसंकट गहराया
श्याम सुंदर खंडेलवाल, ब्रजराजनगर :
ज्यों-ज्यों गर्मियों का प्रकोप बढ़ रहा है त्यों-त्यों बेलपहाड़ के वार्ड संख्या एक के धउंरामुंडा निवासियों का पेयजल का संकट बढ़ता जा रहा है।
इस गांव का नलकूप पिछले एक साल से खराब होकर पड़ा है एवं पांच साल पूर्व नगरपालिका द्वारा बीआरजीएफ अर्थात पिछड़ा क्षेत्र अनुदान राशि के माध्यम से पांच लाख की लागत से खुदवाये गए तालाब में एक भी बूंद पानी नहीं हैं, जिससे ग्रामवासियों को पेयजल तथा नहाने आदि के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव में अधिकांश गरीब तथा आदिवासी परिवारों के डेढ़ सदस्य निवास करते हैं। इनमें अधिकांश सदस्य दैनिक मजदूरी करके गुजारा करते हैं। गांव में एक परिवार को छोड़कर किसी भी घर में कुंआ नहीं है एवं इस एक मात्र कुएं से पूरे गांव की पानी की भरपाई संभव नहीं है। दस वर्ष पूर्व नगरपालिका द्वारा गांव में एक गहरे नलकूप का खनन किया गया था, लेकिन इसका पानी लाल एवं लौह मिश्रित होने की वजह से पीने की योग्य नहीं है। गांव के एक अन्य नलकूप से काम चलता था, लेकिन पिछले एक साल से वह भी खराब हो गया है। इसकी मरम्मत न होने से गांववालों को बाध्य होकर गहरे नलकूप का लाल पानी पीने को बाध्य होना पड़ता है। पानी की इस भयंकर समस्या के लिए गांव वालों को शौच तथा नहाने आदि नित्यकर्म के लिए प्रतिदिन दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है। गांव की महिलाओं का कहना है कि इस बाबत पार्षद बिनती खड़िया को शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सुफल नहीं हुआ।