अब जेल में रहकर कैदी ले सकेंगे कानून की सेवा
जस्टिस मिश्र ने कहा कि देश धीरे-धीरे डिजिटल हो रहा है, ऐसे में यह व्यवस्था काफी कारगर साबित हो रही है।
कटक, जागरण संवाददाता। राज्य के विभिन्न जेलों में विचाराधीन कैदी एवं बंदी भी अब कारागार में रहते कानून की सेवा ले सकेंगे। इसके लिए न्याय संयोग की वीडियो कांफ्रेसिंग सेवा का शुभारंभ रविवार को किया गया।
सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश सह राष्ट्रीय कानून सेवा
प्राधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्र ने न्याय संयोग की वीडियो कांफ्रेसिंग सेवा का उद्घाटन किया। ओडिशा राज्य कानून सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित समारोह में जस्टिस दीपक मिश्र ने इस सेवा का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये कई जेल के अधिकारियों से इस व्यवस्था को लेकर चर्चा की तथा कैदियों को कानून सेवा मुहैया कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जस्टिस मिश्र ने कहा कि देश धीरे-धीरे डिजिटल हो रहा है, ऐसे में यह व्यवस्था काफी कारगर साबित हो रही है। जेल में रहने वाले कई विचाराधीन कैदी, दोषी करार होकर सजा भुगतने वाले कैदी आर्थिकरूप से कमजोर होने से न्याय के लिए वकील नहीं दे पा रहे हैं। इससे कइयों को जेल में काफी दिनों तक रहना पड़ रहा है। इस सेवा के जरिये अब जेल में रहने वाले कैदी कानून से सेवा ले सकेंगे। इस अवसर पर ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनीत शरण, न्यायाधीश जस्टिस इंद्रजीत महांती, कानून सेवा प्राधिकरण केअधिकारी उपस्थित थे।