शिक्षा व्यक्तित्व के विकास का आधार : श्रीश्री रविशकर
जागरण संवाददाता, कटक युवाओं के मन में सदैव नई सोच व नई चिंतन की होनी चाहिए। उन्हें अनुसंधा
जागरण संवाददाता, कटक
युवाओं के मन में सदैव नई सोच व नई चिंतन की होनी चाहिए। उन्हें अनुसंधान करने की दिशा में सदैव प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे विश्वविद्यालयों को अनुसंधान आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होने की बात ओड़िशा के राज्यपाल एससीजमीर ने कही है। कटक बारंग स्थित श्रीश्री विश्वविद्यालय के तीसरे वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेते हुए राज्यपाल ने छात्रों एवं अभिभावकों को कई प्रेरणादायक जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि आध्यात्मिक, शिक्षा, योग के क्षेत्र में श्रीश्री रविशकर ने खुद को समर्पित करते हुए विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित कर दिया है। कुछ दिन पहले जहा पर टागी की भूमि हुआ करती थी आज वहा पर इतना बड़ा विश्वविद्यालय बन गया है। उत्सव की अध्यक्षता करते हुए श्रीश्री रविशकर ने कहा कि शिक्षा केवल विभिन्न प्रकार की सूचना संग्रह करना मात्र नहीं है बल्कि यह समय एवं युवाओं के व्यक्तित्व विकास का आधार है। वर्तमान यह विश्वविद्यालय शैशव अवस्था में है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का संपूर्ण विकास केवल पुस्तक विद्या से नहीं होगा बल्कि उसके साथ आध्यात्मिक व बौद्धिक शिक्षा का ज्ञान जरूरी है। इसके साथ ही त्याग एवं संयम को सही दिशा में ले जाने पर व्यक्ति महान होने के साथ देश को विकसित करने की दिशा में ले जाता है। उत्सव में विश्वविद्यालय के कुलपति डा.नंदलाल ने वार्षिक विवरण पढ़ा। शिक्षानुष्ठान के अध्यक्ष एएल राव, बोर्ड सदस्य रंजित कुलकर्णी आदि उपस्थित रहकर अपने विचार रखे। इस अवसर पर 150 छात्र-छात्राओं को प्रबंधन विद्या, सुप्रशासन, लोकनीति, योग एवं नेचेरोपैथी विभाग में डिग्री प्रदान की गई। इस अवसर पर एक को पीएचडी एवं 8 लोगों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।