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दारू छेदन को कटक से पुरी पहुंची चादी की कुल्हाड़ी

कटक : इन दिनों महाप्रभु के नवकलेवर के लिए तैयारिया जोरों पर है। दारू खोज एवं निर्णय प्रक्रिया जारी ह

By Edited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 09:48 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 09:48 PM (IST)
दारू छेदन को कटक से पुरी पहुंची चादी की कुल्हाड़ी

कटक : इन दिनों महाप्रभु के नवकलेवर के लिए तैयारिया जोरों पर है। दारू खोज एवं निर्णय प्रक्रिया जारी है। इस बीच प्रभु सुदर्शन जी का दारू पहचान हो चुकी है। आगामी दो दिनों के बाद दारू छेदन प्रक्रिया शुरू होगी। महाप्रभु जी की इस नीति को लेकर पूरे राज्य में आध्यात्मिक माहौल बना है। संस्कृति नगरी कटक में इसका असर देखने को मिल रहा है। हालांकि कटक में कोई भी दारू की पहचान नहीं की गई है फिर भी दारू छेदन के लिए चार चादी की कुल्हाड़ी कटक में ही तैयार की गई है। जिसे मंगलवार की रात पुरी भेजा गया। कटक मानसिंह पटना में रहने वाले चादी नक्काशी के कारीगर रवींद्र कुमार दास एवं निराकार दास ने चारों चादी की कुल्हाड़ी तैयार की है। हर एक कुल्हाडी का वजन 500 ग्राम है। दो किलो वजन चादी से दोनों कुल्हाड़ियों को तैयार किया गया है। महाप्रभु जी की नीति में इस्तेमाल हाने वाली इस कुल्हाड़ी को देखने के लिए काफी तादात में लोगों का जमावड़ा देखने को मिला। कई लोगों ने इन्हें प्रणाम कर आशीर्वाद भी लिया। वर्ष 1977 में नवकलेवर के समय रवींद्र एवं निराकार के दादा जी महाप्रभु के कुछ गहने तैयार किए थे। इसके अलावा समय समय पर यह परिवार कुछ गहने चतुर्धा मुर्तियों के लिए तैयार करता है। इस कुल्हाड़ी को ले जाते समय कटक में आध्यात्मिक माहौल था।


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