किसानों को किया गया सम्मानित
कटक, जागरण संवाददाता :
कटक स्थित केंद्रीय धान अनुसंधान केन्द्र के 68वें स्थापना दिवस पर कई किसानों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सीआरआरआइ परिसर में आयोजित इस समारोह में राज्य तथा देश के कई जाने माने कृषि वैज्ञानिकों ने उपस्थित किसानों को नई तकनीकी अपनाकर आधुनिक ढंग से खेती करने का सुझाव दिया। वैज्ञानिकों ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीकी के कारण आज देश में खाद्य उत्पादन बढ़ रहा है, जो कि जल्द ही खाद्य सुरक्षा समस्या को दूर करेगा। कटक विद्याधरपुर में मौजूद केंद्रीय धान अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक व किसानों की भीड़ देखी गई है। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ एसवीएस शास्त्री उपस्थित थे। सीआरआरआइ के निदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र की अध्यक्षता में चले इस कार्यक्रम में और कई वैज्ञानिक भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों ने देश की तरक्की खासकर कृषि क्षेद्द में उत्पादन वृद्धि के ऊपर रोशनी डाले। वैज्ञानिकों ने कहा कि देश के करीब 2 तिहाई से अधिक लोग धान के ऊपर निर्भर है। ऐसे में धान की खेती पिछले 65 सालों के अंदर देश में काफी बढ़ी है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक पिछले 65 सालों के अंदर चावल का उत्पादन 5 गुना बढ़ा है। विश्व में सालाना 465 मिलियन टन चावल उत्पादन हो रहा है, इसमें केवल भारत में 105 मिलियन टन चावल उत्पादन हो रहा है। ओडिशा के कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक ओडिशा में किसानों की कमी नहीं है, मगर उपयुक्त तकनीकी के साथ उन्हे जोड़ा जाए तो यहां के भी किसान उत्पादन के क्षेद्द में काफी आगे जा सकते है। नए किश्म के बीज, नई तकनीकी एवं मशीनों की मदद ओडिशा के किसानों को नहीं मिल पायी है। जो किसान इसे अपनाएं है, उन्हे काफी सफलता मिली है। पिछले 67 सालों में केंद्रीय धान अनुसंधान केन्द्र कटक में करीब 110 विकसित किश्म के धान बीज उद्भावन कर राज्य एवं राज्य बाहर के किसानों को इसका लाभ उठाने की सुविधा पहुंचाई गई है।