हमारी योजनाओं की नकल कर रही है भाजपा : अहमद
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण निर्णय के खिलाफ काग्रेस
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण निर्णय के खिलाफ काग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू किया है। एआइसीसी के महासचिव तथा प्रवक्ता शकील अहमद ने सोमवार को भुवनेश्वर में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कालेधन को रोकने के लिए इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार जब कदम उठा रही थी तब भाजपा उसका विरोध करती थी। काग्रेस का विरोध करने की आदी बन चुकी भाजपा अब उसी योजनाओं की नकल कर वाहवाही लूटने में लगी है। बिना किसी तैयारी के नोटबंदी की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने 125 करोड़ लोगों को असुविधा में डाल दिया है। मोदी सरकार का यह निर्णय देश का सबसे बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने संयुक्त संसदीय कमेटी से जाच कराने की माग की है।
काग्रेस भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में अहमद ने कहा कि भाजपा विचित्र पार्टी है। इंदिरा गाधी के बैंकों के राष्ट्रीयकरण करने के समय में भाजपा का मूल परिवार जनसंघ उसका विरोध कर रहा था। राजीव गाधी के समय व्यवस्था के कंप्यूटरीकरण का भी विरोध हुआ। 2005 में पहले से प्रचलित नोट व्यवस्था को धीरे- धीरे समाप्त करने के लिए यूपीए सरकार ने निर्णय लिया था, जिसका भाजपा ने विरोध किया था। अब उसी योजना की नकल कर रातोरात कार्यकारी करने का निर्णय ले लिया गया। इस निर्णय के लेते समय लोगों की सुविधा व असुविधा का बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया। रुपये के लिए लाइन में खड़े 80 लोगों की जान जा चुकी है। कालेधन की आड़ में मोदी सरकार सामान्य लोगों को असुविधा के मंजर में धकेल दिया है। वहीं दूसरी तरफ इस सरकार ने उद्योगपतियों का एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर अब तक का सबसे बड़ा घोटाला किया है।
विमुद्रीकरण की जानकारी अपने नेताओं को इस सरकार ने पहले ही दे दी थी। जिससे भाजपा नेता अपने कालेधन को सफेद कर लिए। एआइसीसी के महासचिव ने इस संदर्भ में काग्रेस द्वारा जारी किए गए दस्तावेज के बारे में भी जानकारी दी। अहमद ने कहा कि केवल ओडिशा में 18 जिलों में भाजपा नेताओं ने मूल्यवान जमीन खरीदी है। केन्द्रापड़ा, जगतसिंहपुर, बरहमपुर व झारसुगुड़ा शहर में कीमती जमीन खरीदकर अपने कालेधन को भाजपा नेता सफेद कर लिए हैं। खेती से लेकर मध्यम उद्योग तक हर क्षेत्र को नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के इस कदम से राष्ट्रीय आय भी दो से तीन प्रतिशत तक कम होने का पूर्वानुमान भी किया जा रहा है। पांच करोड़ लोग बेरोजगार होंगे। विदेश में जमा 80 लाख करोड़ रुपया 100 दिन में वापस लाकर प्रत्येक भारतीयों के खाते में 15 लाख रुपया जमा कराने का आश्वासन देकर मोदी 2014 के चुनाव में जीत हासिल किए थे। अब 1000 दिन निकल गया, मगर अभी तक वह अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए। उल्टे अब साधारण जनता को विमुद्रीकरण के जरिए असुविधा के मुंह में धकेल दिया है।