Move to Jagran APP

कार्यबंद आंदोलन पर रहे वकील, ठप रहा अदालती कामकाज

-एडवोकेट एमेनमेंट एक्ट-1961 में विधिक आयोग के संशोधन प्रस्ताव का मामला -आज भुवनेश्वर म

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 02:46 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 02:46 AM (IST)
कार्यबंद आंदोलन पर रहे वकील, ठप रहा अदालती कामकाज
कार्यबंद आंदोलन पर रहे वकील, ठप रहा अदालती कामकाज

-एडवोकेट एमेनमेंट एक्ट-1961 में विधिक आयोग के संशोधन प्रस्ताव का मामला

loksabha election banner

-आज भुवनेश्वर में राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन कर केंद्र को भेजेंगे सुझाव रणनीति

---------------------

जागरण संवाददाता, कटक : विधिक आयोग की ओर से केंद्र सरकार को सौंपे गए एडवोकेट एमेनमेंट एक्त-1961 में संशोधन प्रस्ताव के विरोध में प्रदेश भर के वकीलों ने शुक्रवार को कार्यबंद आंदोलन किया। इससे हाईकोर्ट से लेकर जिला अदालतों तक में अदालती कामकाज बाधित हुआ और मुवक्किलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर पेशी पर आए बंदियों को भी वापस ले जाना पड़ा। हालंाकि इस दौरान कुछेक अदालतों में वकील निजी कार्यवश नजर तो आए लेकिन अदालती कामकाज में हिस्सा नहीं लिया। ओडिशा राज्य बार काउंसिल के आह्वान पर विगत दिनों शुरू हुए इस आंदोलन में शुक्रवार को राज्य से 48 हजार वकील शामिल हुए।

ओडिशा स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष मानस रंजन महापात्र के मुताबिक विधिक आयोग द्वारा दी गई सिफारिश यदि लागू की गई तो वकीलों को इससे काफी नुकसान होगा। एडवोकेट एमेनमेंट एक्ट 1961 में बदलाव लाने से पहले वकीलों, बार काउंसिल के पदाधिकारियों की राय या सुझाव नहीं लिए गए, जो सरासर गलत है। केवल बार काउंसिल ही नहीं बल्कि हाईकोर्ट बार संघ के साथ तमाम बार संघों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इस एक्ट के तहत बार काउंसिल में वकील के अलावा जिला जज, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी आदि को शामिल किया जाएगा, जोकि सर्वथा गलत है।

आज राजधानी में जुटेंगे बार के पदाधिकारी : मानस रंजन के मुताबिक विधिक आयोग के प्रस्ताव का देशभर में विरोध चल रहा है। इसे लेकर शनिवार को भुवनेश्वर मेफेयर सम्मेलन कक्ष में राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें देश भर से बार काउंसिल, हाईकोर्ट बार संघ के अधिकारी व वरिष्ठ वकील शामिल होंगे। इस सम्मेलन के जरिए नया प्रस्ताव व सुझाव तैयार किया जाएगा, जो केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उस प्रस्ताव व सुझाव को एडवोकेट एमेनमेंट एक्ट में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से निवेदन किया जाएगा, ताकि वकीलों को नुकसान न हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.